अष्टमी तिथि पर 24 सितंबर को गज लक्ष्मी का होगा:दूध से अभिषके के बाद श्रृंगार होगा, दोपहर में महाआरती, शाम को भजन संध्या

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श्राद्ध पक्ष की अष्टमी तिथि 24 सितंबर मंगलवार को हाथी अष्टमी पर्व के रूप में भी मनाई जाएगी। इस अवसर पर पुराने शहर में स्थित माँ गज लक्ष्मी मंदिर पर सुबह दुग्धाभिषेक किया जाएगा। वहीं घरों में महिलाएं महालक्ष्मी का पूजन करेंगी। यह व्रत 16 दिन का होता है। राधा अष्टमी से प्रारंभ होकर हाथी अष्टमी पर पूर्ण किया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन माँ लक्ष्मी का पूजन करने से घरों में लक्ष्मी माता का स्थायी वास होता है। पुराने शहर में नईपेठ स्थित प्राचीन गजलक्ष्मी मंदिर में 24 सितंबर मंगलवार को सुबह 9 बजे 11 तक मंत्रोच्चार के साथ देवी लक्ष्मी का 21 सौ लीटर दूध से अभिषेक किया जाएगा। मंदिर के पुजारी अवधेश शर्मा ने बताया कि माँ लक्ष्मी की प्रतिमा पर दूध की सहस्त्र धारा जारी रहेगी। मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु अपने हाथों से माँ लक्ष्मी का दूध से अभिषेक करेगें। इसके बाद श्रृंगार होगा और दोपहर 12 बजे महाआरती होगी। शाम को मंदिर में शाम को 5 से 9 बजे तक भजन किए जाएंगे। रात में खीर प्रसादी वितरित की जाएगी। मान्यता है कि हाथी अष्टमी पर माँ लक्ष्मी का पूजन करने से रूठी हुई लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है। वहीं दिवंगत पूर्वज भी परिवार को आशीर्वाद प्रदान करते है। यह 16 दिन का व्रत होता है। राधा अष्टमी से प्रारंभ होकर हाथी अष्टमी पर पूर्ण होता है। इसी दिन माँ लक्ष्मी का दूध से अभिषेक किया जाता है। वहीं घरों में भी महिलाएं व्रत रखकर शाम के समय मिट्टी के हाथी की पूजा करती है।