बांधवगढ़ में पहली बार बटरफ्लाई सर्वे:10 से अधिक राज्यों से विशेषज्ञ पहुंचे बांधवगढ़, विशेषज्ञ कैमरा, दूरबीन और गाइड की मदद से कर रहे सर्वे

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उमरिया बाघों के लिए विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पहली बार बटरफ्लाई सर्वे हो रहा है। बरटफ्लाई सर्वे में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मिलने वाली तितलियों का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के बाद तितलियों को संरक्षित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 19 सितंबर से शुरू हुए बटरफ्लाई सर्वे में शनिवार को दैनिक भास्कर की टीम सर्वे की जानकारी लेने के लिए सर्वे टीम के साथ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली के जंगल पहुंची। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सर्व को लेकर कर्मचारियों में भी उत्साह है। टाइगर रिजर्व के अधिकारी कर्मचारी भी सर्वे टीम में आए सदस्यों के साथ जंगलों में घूम-घूम कर तितलियों की प्रजातियां के सर्वेक्षण का कार्य कर रहे हैं। 15 कैंप में 61 सदस्य जंगल में कर रहे तितलियों का सर्वे बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तितलियों के सर्वे के लिए टाइगर रिजर्व के नौ परिक्षेत्र के 15 कैंपों में 61 सदस्य हैं। सदस्य टाइगर रिजर्व के जंगलों में सुबह सूर्योदय के बाद से जंगल में पैदल चल कर तितलियों की प्रजाति का सर्वे कर रहे हैं। सदस्य लगभग 15 किलोमीटर जंगल में घूमते हैं। जंगल में घूमकर सर्वे सीट में तितलियां की जानकारी को अपडेट करते हैं। सर्वे में जंगल में उपयोग आने वाली सामग्री बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खतौली परिक्षेत्र में सर्वे कर रहे सुनील पटेल ने बताया कि हम सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक सर्वे करते हैं। बटरफ्लाई सूर्योदय के बाद ही एक्टिव होती है। हमें सर्वे के लिए कैमरे की जरूरत होती है। दूरबीन,बटरफ्लाई फील्ड गाइड की आवश्यकता होती है। बटरफ्लाई नदी किनारा, नमी वाले स्थानों के साथ ग्रास लैंड में देखने को मिलती है। हमें बटरफ्लाई सर्वे के लिए कैमरे की आवश्यकता इसलिए होती है कि फोटो खींचकर तितली की जानकारी इकट्ठा की जाती है। नर और मादा तितली को भी आईडेंटिफाई करना होता है। सर्वे करने आए हरीश ने बताया कि अलग-अलग राज्यों से तितली विशेषज्ञ बांधवगढ़ आए हुए हैं। तितलियों को संरक्षित करने के लिए पौधों पेड़ों को संरक्षित करना होगा तितलियां की पसंद अलग-अलग पेड़ होते हैं। इसलिए जरूरी है, तितलियों का होना जरूरी सर्वे के लिए बांधवगढ़ आए हरीश ने बताया कि तितलियां भी प्रकृति में बहुत ही उपयोगी है और इनका भी अपना एक कार्य है। तितलियों के बिना पौधों में फल और फूल नहीं आ सकते हैं, यह पेड़ों में परागण करती हैं। जिसके बाद ही फल और फूल आते हैं। बीटीआर में सौ से अधिक प्रजाति हो सकती है बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सर्वे के लिए आए सदस्य सुनील पटेल ने बताया कि हमारी अलग-अलग टीम बांधवगढ़ की 15 से अधिक लोकेशन पर सर्वे कार्य में जुटी हुई है। सबसे अधिक प्रजातियां की तितली मिलने की संभावना है।