सानंद न्यास के पांच दर्शक समूहों के लिए विराजस कुलकर्णी लिखित एवं दिग्दर्शित नाटक “वर वरचे वधू-वर” का मंचन 21-22 सितंबर को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम, खंडवा, रोड़ इंदौर में होगा। सानंद न्यास के अध्यक्ष जयंत भिसे एवं मानद सचिव संजीव वावीकर ने बताया कि टीवी अदाकारा मृणाल कुलकर्णी (सोनपरी फेम) के सुपुत्र विराजस कुलकर्णी को लेखन, दिग्दर्शन एवं अभिनय की कला विरासत में मिली है। उन्होंने टीवी धारावाहिक “माझा होशील ना” एवं रंगभूमी पर “गालिब” नाटक के माध्यम से अभिनेता के रूप में पहचान बनाई। अब आप व्यावसायिक रंगभूमी पर लेखन एवं दिग्दर्शक के रूप में नाटक “वर वरचे वधू-वर” से शुरुआत कर रहे है। विराजस कुलकर्णी स्वयं सानंद दर्शकों से रुबरू होने के लिए आ रहे है। नाटक में मुख्य भूमिका निभा रहे युवा कलाकार सुव्रत जोशी एवं सिने अभिनेता मोहन गोखले एवं शुंभागी गोखले की सुपुत्री सखी गोखले टीवी के धारावाहिक “दिल दोस्ती दुनियादारी” एवं रंगमंच के “अमर फोटो स्टूडियो” से प्रसिद्धी पा चुके है। साथ देने वाले सह कलाकार है सूरज पारसनीस, नेपथ्य प्रदीप पाटील, संगीत – निषाद गोलंबरे, वेशभूषा – कल्याणी कुलकर्णी – गुगले, प्रकाश – तेजस देवधर, नृत्य- फुलवा खामकर, रंगभूषा – राजेश परब, सौरभ कापडे, सूत्रधार – संतोष शिदम। सानंद न्यास के जयंत भिसे एवं संजीव वावीकर ने बताया कि नाटक “वर वरचे वधू-वर” का मंचन आगामी 21 सितंबर, शनिवार को रामुभैय्या दाते समूह के लिए दोपहर 4 बजे, शाम 7.30 बजे राहुल बारपुते समूह के लिए 22 सितंबर रविवार को सुबह 10 बजे मामा मुजुमदार समूह के लिए, वसंत समूह के लिए दोपहर 4 बजे तथा शाम 7.30 बजे बहार समूह के लिए होगा।