मैहर के पोड़ी निवासी एक जवान की छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के भुताही CAF कैंप में गोली मार कर हत्या कर दी गई। उस पर फायरिंग उसके ही एक साथी जवान ने की। इस घटना में मैहर के फौजी समेत 2 जवानों की मौत हुई है जबकि 2 गंभीर रूप से घायल हैं। इस घटना की खबर पहुंचने के बाद जवान के गृह ग्राम में मातमी सन्नाटा छा गया है। जवान के परिजनों को विधायक मैहर ने पोड़ी पहुंच कर सांत्वना दी है। जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स (CAF) में पदस्थ जवान रूपेश पटेल पिता रामकृपाल पटेल (37) निवासी पोड़ी, मैहर की बलरामपुर जिले के सामरी थाना अंतर्गत भुताही कैम्प में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसी कैम्प में रहने वाले 11वीं बटालियन के जवान अजय सिदार ने खाना खाने के दौरान अन्य जवान की इंसास राइफल से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी जिससे रूपेश पटेल और संदीप पांडेय की मौत हो गई। रूपेश ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि संदीप की सांसें कुसमी स्वास्थ्य केंद्र ले जाए जाते वक्त रास्ते में ही थम गईं। इस घटना में अम्बुज शुक्ला तथा एक अन्य जवान को भी गोलियां लगी हैं। मिर्च को लेकर इतनी नाराजगी कि ले ली जान पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला है कि भुताही CAF कैंप में अंधाधुंध फायरिंग और जवानों की हत्या की यह वारदात खाना खाने के दौरान हुई। अजय सिदार खाना खा रहा था जबकि रूपेश पटेल खाना परोस रहा था। अजय ने रूपेश से मिर्च मांगी तो उसने नहीं दी। इस पर अजय भड़क उठा और रूपेश से बहस करने लगा। वहां मौजूद रहे गार्ड कमांडर अंबुज शुक्ला ने रूपेश का सपोर्ट कर दिया तो अजय का गुस्सा और भड़क उठा। वह खाना छोड़कर उठा और पास में ही रखी अन्य जवान की इंसास राइफल उठा कर उसने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगने से रूपेश की मौके पर ही मौत हो गई। राहुल बघेल नामक जवान ने किसी तरह अजय पर काबू पाया। इस घटना से कैंप में कोहराम मच गया। चार भाइयों में दूसरे नंबर पर था रूपेश बताया जाता है कि रूपेश चार भाइयों में दूसरे नंबर पर था। बड़े भाई का मानसिक स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं रहता जबकि रूपेश से छोटा रुस्तम भी BSF में है। इनदिनों उसकी पोस्टिंग श्रीनगर में है। घर पर प्यार से सभी रूपेश को उमेश नाम से बुलाते थे। वह 2007 में छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स (CAF ) में भर्ती हुआ था। गांव में सन्नाटा, परिजनों का बुरा हाल कैंप में हुई गोलीबारी में रूपेश की मौत की खबर उसके गृहग्राम पोड़ी पहुंची तो मातमी सन्नाटा पसर गया। कोई भी इस बात पर यकीन ही नहीं कर पा रहा था। घर पर परिजनों का रो-रो कर हाल बुरा हो गया था। पिता रामकृपाल पटेल की आंखें पथरा गईं। पत्नी सुलोचना रो-रो कर बेसुध हो रही थी तो 7 साल के मासूम बेटे यश और 12 वर्ष की बेटी ईशा की भी आंखों से आंसु थम नहीं रहे थी। ढाई महीने पहले ही आया था, घर बनवाने का था प्लान पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि रूपेश पिछली बार 30 जून को छुट्टी पर आया था। उसने अपने पिता रामकृपाल पटेल को 2 जुलाई को बाबा अमरनाथ की यात्रा पर भेजा था। पिता के 15 जुलाई को यात्रा से लौटने के बाद भी वह कुछ दिन घर पर रुका था और 23 जुलाई को कैंप के लिए वापस रवाना हो गया था। जाते – जाते वह घर वालों से कह गया था कि अब जब अगली बार वह छुट्टी पर आएगा तो मैहर के पटेहरा में पड़े प्लाट पर मकान बनवाना शुरू करेगा। सांत्वना देने पहुंचे मैहर विधायक पोड़ी निवासी CAF के जवान रूपेश पटेल की कैंप में गोली मार कर हत्या कर दिए जाने की खबर मिलने पर मैहर विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी पोड़ी पहुंचे। उन्होंने दिवंगत जवान के घर पहुंच कर पिता रामकृपाल पटेल तथा अन्य परिजनों को ढांढस बंधाया। विधायक ने भरोसा दिलाया कि दुख की इस घड़ी में वे उनके साथ हैं। गांव में सन्नाटा, परिजनों का बुरा हाल कैंप में हुई गोलीबारी में रूपेश की मौत की खबर उसके गृहग्राम पोड़ी पहुंची तो मातमी सन्नाटा पसर गया। कोई भी इस बात पर यकीन ही नहीं कर पा रहा था। घर पर परिजनों का रो-रो कर हाल बुरा हो गया था। पिता रामकृपाल पटेल की आंखें पथरा गईं। पत्नी सुलोचना रो-रो कर बेसुध हो रही थी तो 7 साल के मासूम बेटे यश और 12 वर्ष की बेटी ईशा की भी आंखों से आंसू थम नहीं रहे थी।