शहर के सबसे चर्चित सेंट टेरेसा जमीन घोटाले में इंदौर हाईकोर्ट से प्रकरण में शामिल आरोपियों को बड़ी राहत मिली है। जिसमें याचिका स्वीकार करते हुए पुलिस अधीक्षक धार द्वारा की गई आपराधिक कार्रवाई को शून्य और अमान्य घोषित कर दिया गया है। साथ ही कोर्ट ने मामले में कलेक्टर धार द्वारा जारी आदेश को भी निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता को 50 हजार रुपए का भुगतान करने के लिए कहा है। यह था मामला राजस्व रिकॉर्ड में सेंट टेरेसा की जमीन सर्वे नंबर 29 मगजपुरा के नाम से दर्ज है। यह जमीन 19 अगस्त 1895 में धार स्टेट के महाराजा श्रीमंत आनंद राव पंवार ने महिला अस्पताल और डॉक्टरों के बंगले के लिए दान में दी थीं। राजस्व रिकॉर्ड में जमीन का कुल रकबा 3.074 हेक्टेयर दर्ज है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन की बिक्री कर अलग-अलग लोगों को बेचने की बात सामने आई थी। इसी मामले को लेकर महू तहसील के ग्राम पांदा निवासी जयसिंह-केशरसिंह ठाकुर की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने 28 नवंबर 2021 को 27 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई थीं। प्रकरण में सुधीर जैन सहित परिवार के लोग तब से ही फरार चल रहे है। 250 करोड़ की जमीन को खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगा था। शहर में यह अपनी तरह का पहला बड़ा मामला था, जिसमें केंद्र सरकार की एजेंसी ईडी ने सीधे तौर पर दखल देते हुए जांच की थी। 14 पेज का दिया फैसला इस मामले में आयुषी जैन और सरिता जैन द्वारा याचिका हाईकोर्ट में लगाई थी, जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक धार द्वारा की गई दंडात्मक कार्रवाई और याचिका के लंबित रहने के दौरान याचिकाकर्ताओं और अन्य के खिलाफ की गई आपराधिक कार्रवाई को शून्य और अमान्य घोषित कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में 14 पेज का फैसला सुनाते हुए कलेक्टर व एसपी द्वारा की गई कार्रवाई की निंदा करते हुए अधिकारियों को संयुक्त रूप से 50 हजार रुपए का भुगतान याचिकाकर्ता को देने की बात कही है।