जिले में दो वर्ष में लगभग 78 हिट एंड रन सड़क दुर्घटनाएं हुईं हैं। इसमें टक्कर मारकर भागने वाले अज्ञात वाहनों का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है। 2023 में हुईं 43 दुर्घटनाओं में चार मृतकों की पहचान भी नहीं हो सकी है। जून 2024 तक शेष 39 मामलों में सिर्फ चार पीड़ितों को प्रतिकर योजना 2022 में मुआवजा मिला था। शेष 35 घटनाओं के पीड़ितों ने मुआवजा प्राप्त करने आवेदन तक नहीं किया था। इस पर संवेदनशीलता दिखाते हुए पुलिस प्रशासन ने ऐसी घटनाओं में पीड़ितों को लाभ दिलाना प्रारंभ कर दिया है। 2023 में जिले में 1 हजार 145 सड़क दुर्घटना में 277 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 1 हजार 311 व्यक्ति सामान्य और गंभीर रूप से घायल हुए थे। बढ़ते हादसों के बीच हिट एंड रन सड़क दुर्घटना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अज्ञात वाहनों के टक्कर मारकर भागने के कारण घटना में गंभीर घायल और मृतक के स्वजन को मुआवजा राशि के लिए भटकना पड़ता था। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने टक्कर मारकर भागना मोटरयान दुर्घटना पीड़ित प्रतिकार योजना 2022 पूरे देश में लागू की है। जानकारी के अभाव में हिट एंड रन दुर्घटना के पीड़ितों को इसका लाभ नहीं मिल रहा था। लेकिन अब पीड़ितों को लाभ दिलाने पुलिस प्रशासन आगे आकर प्रयास कर रहा है। कोतवाली थाना क्षेत्र में सर्वाधिक घटनाएं 2024 में 1 जनवरी से 31 अगस्त तक 25 हिट एंड रन सड़क दुर्घटना हो चुकी हैं। कोतवाली थाना क्षेत्र सर्वाधिक दुर्घटना हुईं हैं, जहां से मुआवजा के 10 प्रकरण दावा जांच अधिकारी को गए हैं। कुरई में सात और डूंडासिवनी थाना क्षेत्र में 6 हिट एंड रन सड़क दुर्घटना हुई हैं। जिले भर में हुई हिट एंड रन सड़क दुर्घटना में 25 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 23 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। सात प्रकरण के मुआवजा आदेश जारी एसपी सुनील कुमार मेहता के निर्देशन में यातायात पुलिस थाना प्रभारी विजय बघेल ने बीते तीन माह में जिले के सभी पुलिस थाना क्षेत्रों में घटित हिट एंड रन पीड़ितों के लंबित मामलों को दावा जांच अधिकारी (संबंधित एसडीएम) के समक्ष प्रस्तुत करवा दिया है। 2023-2024 के (संबंधित एसडीएम) के पास भेजे गए हैं। इनमें से सात मामलों का निराकरण करते हुए प्रत्येक गंभीर घायल को 50 हजार रुपए और मृतक के स्वजन को 2 लाख रुपए की सहायता राशि देने के आदेश कलेक्टर और सैटलमेंट कमिश्नर संस्कृति जैन ने जारी कर दिए हैं। अन्य मामलों को निराकृत करने की प्रक्रिया चल रही है। पहले ऐसी घटनाओं में मृतक के परिवार को 25 हजार रुपए और गंभीर घायल को 12 हजार 500 रुपए की मुआवजा राशि सोलेशियम फंड से मिलती थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुआवजा राशि बढ़ाकर पीड़ितों को त्वरित लाभ दिलाने की व्यवस्था बनाई गई है। योजना के क्रियान्वयन न्यायालय की निगरानी में गठित जिला समिति द्वारा किया जा रहा है। मुआवजा मांगने का प्रविधान प्रथम दुर्घटना सूचना (एफएआर) के एक माह बाद भी अज्ञात वाहन का सुराग संबंधित थाना पुलिस को नहीं लगता है, तो पीड़ित व्यक्ति मुआवजा प्राप्त करने दावा जांच अधिकारी एसडीएम के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। इसमें जिला विधिक सेवा मदद करेगा। दावा जांच अधिकारी (एसडीएम) को प्राप्त आवेदन के दस्तावेजों के परीक्षण कर 30 दिन में अपनी रिपोर्ट के साथ क्लेम सेटलमेंट कमिश्नर (कलेक्टर) के समक्ष प्रस्तुत करेगा। यहां से 15 दिन में मुआवजा राशि भुगतान हेतु आदेश जनरल इंश्योरेंस काउंसिल को भेज दिया जाता है। अगले 15 दिनों में मुआवजा राशि पीड़ित के बैंक खाते में भुगतान हो जाता है। पीड़ितों से एक वचन पत्र भी लिया जाता है कि भविष्य में अज्ञात वाहन की पहचान होने अथवा बीमा क्लेम की स्थिति निर्मित होने पर संबंधित मुआवजा राशि लौटाने के लिए बाध्य रहेगा। यातायात थाना प्रभारी विजय बघेल का कहना है कि हिट एंड रन सड़क दुर्घटना में गंभीर घायलों और मृतकों के स्वजनों को प्रतिकर योजना 2022 के तहत मुआवजा दिलाया जा रहा है। जानकारी के अभाव में मुआवजा के लिए आवेदन नहीं करने वाले पीड़ित को इस बारे में जागरूक किया जा रहा है। सभी पुलिस थाना से समन्वय बनाकर पीड़ितों को राहत दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। सड़क दुघर्टनाओं को रोकने आवश्यक कदम भी उठाए जा रहे हैं।