देशभर में जैन समाज भक्ति भाव के साथ पर्यूषण पर्व मना रहे है। इस दौरान समाज के कुछ संगठन दूसरों की सेवा रहे है। जैन मिलन विदिशा भी ऐसा ही एक संगठन है, जो पर्यूषण पर्व के दौरान बाहर से आकर विदिशा में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों को निशुल्क शुद्ध भोजन करा रहा है। पर्युषण महापर्व में दौरान बाहरी भोजन यानी होटलों और कैंटीन का भोजन निषेध रहता है। जिसके कारण दूसरे शहरों से आकर विदिशा में पढ़ाई करने वाले जैन समाज के बच्चों को पर्युषण पर्व पर शुद्ध भोजन की समस्या होती थी । जैन मिलन संगठन ने विद्यार्थियों को शुद्ध भोजन करने का बीड़ा उठाया और उन्होंने पर्युषण पर्व के दौरान विद्यार्थियों और बाहर से आकर नौकरी कर रहे लोगों के लिए भोजनशाला शुरू की। जैन मिलन विदिशा की इस पहल का इंजीनियरिंग कॉलेज एसएटीआई और शासकीय मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे बाहरी स्टूडेंट्स को लाभ मिल रहा है। इन विद्यार्थियों को पर्व के दौरान दोनों समय का शुद्ध भोजन कराया जा रहा है, और संगठन के सदस्य अपने हाथों से भोजन परोसते हैं। जैन मिलन विदिशा के अध्यक्ष आनंद जैन ने बताया कि पिछले चार वर्षों से निरंतर यह सेवा जैन मिलन कर रहा है। पर्यूषण पर्व के दौरान विदिशा में अध्ययनरत मेडिकल कॉलेज और एसएटीआई कॉलेज के छात्र-छात्राओं को निशुल्क शुद्ध भोजन दोनों समय सुबह और शाम को कराया जा रहा है। प्रतिदिन लगभग 100 से ज्यादा विद्यार्थियों को दोनों समय का भोजन कराया जा रहा है। रसोई में पूरी शुद्धता के साथ भोजन तैयार किया जाता है, भोजन के लिए मसाला भी रोज तैयार किया जाता है। खाने में दो हरी सब्जी दाल चावल और एक मीठा होता है। जैन मिलन के संस्थापक अध्यक्ष अतुल जैन बताते है कि आज से चार वर्ष पहले पर्युषण पर्व के दौरान ही शहर के एसएटीआइ इंजिनियरिंग कालेज के एक जैन बिद्यार्थी ने उनसे पर्व के दौरान भोजन की व्यवस्था कराने का आग्रह किया था। यह छात्र दूसरे शहर से आकर होस्टल मैं रहकर पढ़ाई कर रहे थे। उन्होंने इस बच्चों की भोजन व्यवस्था को लेकर समाज के लोगों से बात की और फिर पर्युषण पर्व के दौरान बाहरी बच्चों के लिए पर्युषण के 10 दिन निशुल्क जैन रसोई शुरू करने का निर्णय लिया था। पहले साल के 6 बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी इसके बाद से लगातार बच्चों की संख्या बढ़ती गई। इस साल एसएटीआइ इंजिनियरिंग कालेज, मेडिकल कॉलेज और दूसरे शहरों से आकर नौकरी करने वाले लोग भी भोजशाला में आकर भोजन कर रहे हैं।