शाजापुर में गोशाला जर्जर भवन की दुकानों को तोड़ने के दौरान हुए हंगामा के बाद कोतवाली थाने में अभिभाषक नरेंद्र तिवारी के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय शाजापुर के राजस्व निरीक्षक शंकर बघेल द्वारा कोतवाली थाने में प्रस्तुत की गई। शिकायत में बताया गया की प्रशासन के द्वारा की जा रही कार्रवाई के दौरान नरेंद्र तिवारी ने शासकीय काम में बाधा पहुंचाने के साथ प्रशासकीय अधिकारियों से अभद्रता की और इसी शिकायत के आधार पर कोतवाली थाने में अधिवक्ता नरेंद्र तिवारी के विरुद्ध धारा 132 , 221 बीएनएस का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई है। इस मामले में अभिभाषक नरेन्द्र तिवारी ने बताया न्यायालय की जानकारी देना शासकीय कार्य में बाधा नहीं है। मैं मेरे पक्षकारों की ओर से न्यायालय की जानकारी देने के लिए गया था। प्रशासन द्वारा न्यायालय की अवमानना की गई है और मुझ पर गलत तरीके से शासकीय कार्य में बाधा का प्रकरण दर्ज करवाया गया। पुलिस के प्रकरण दर्ज करने से कुछ नहीं होता, न्यायालय इस प्रकरण को ही समाप्त कर देगा। क्या है पूरा मामला शाजापुर में बुधवार को नगर पालिका और राजस्व विभाग के संयुक्त अमला शहर की नई सड़क स्थित गोपाल गोशाला के जर्जर भवन में स्थित दुकानों को तोड़ने के लिए पहुंचा था। जिस दौरान यह कार्रवाई चल रही थी इस दौरान अभिभाषक नरेंद्र तिवारी यहां पहुंचे थे और कोर्ट का स्टे होने की बात कहते हुए, इस पूरी कार्रवाई का विरोध करते हुए जमकर हंगामा किया था। इसी दौरान अभिभाषक नरेंद्र तिवारी और एसडीएम शाजापुर और अन्य अधिकारियों के बीच जमकर बहस भी हुई थी हांलाकि बाद में कोर्ट का स्टे होने के चलते प्रशासन का अमला करवाई अधूरे में छोड़कर वापस लौट गया था। इस मामले में अभिभाषक नरेन्द्र तिवारी ने बताया न्यायालय की जानकारी देना शासकीय कार्य में बाधा नहीं है। मैं मेरे पक्षकारों की ओर से न्यायालय की जानकारी देने के लिए गया था। प्रशासन द्वारा न्यायालय की अवमानना की गई है और मुझ पर गलत तरीके से शासकीय कार्य में बाधा का प्रकरण दर्ज करवाया गया। पुलिस के प्रकरण दर्ज करने से कुछ नहीं होता, न्यायालय इस प्रकरण को ही समाप्त कर देगा।