जिला अस्पताल में बदइंतजामी:ओपीडी में टीवी स्क्रीन बंद, कमरों में टूटा फर्नीचर, हर तरफ गंदगी, सफाई एजेंसी का कटेगा वेतन

Uncategorized

भास्कर संवाददाता | सागर शुक्रवार को कलेक्टर संदीप जीआर ने 12 बजे जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। कलेक्टर के सामने एक के बाद एक खुलकर खामियां सामने आईं। कलेक्टर ने बंद कमराें काे खुलवाया ताे बेकार फर्नीचर व कचरा मिला। ओपीडी की टीवी बंद मिली। अस्पताल प्रांगण में गंदगी नजर आई। साेनाेग्राफी में डाॅक्टर नहीं मिले। कलेक्टर ने सफाई एजेंसी का एक दिन का वेतन काटने व साेनाेग्राफी कक्ष से गायब डाॅक्टर काे कारण बताओ नाेटिस देने के निर्देश दिए। यहां डाॅक्टर सुधीर जैन की ड्यूटी थी। कलेक्टर जिला अस्पताल में करीब ढाई घंटे रहे। उन्हाेंने 15 दिन में व्यवस्थाएं सुधारने की हिदायत दी। कलेक्टर, एसपी विकास शाहवाल के साथ निरीक्षण करने जिला अस्पताल आए थे। निरीक्षण की शुरुआत ओपीडी से की। यहीं से अव्यवस्थाएं नजर आईं। यहां लंबी आड़ी-टेड़ी कतार नजर आई। टीवी स्क्रीन बंद मिली। उन्हाेंने ओपीडी पर्ची बनाने के स्थान पर रेलिंग लगाने व ग्रेनाइट की बेंच लगाने के निर्देश दिए। साथ ही बंद ओपीडी पर्ची की टोकन मशीन और टीवी स्क्रीन काे तत्काल चालू करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला चिकित्सालय के मुख्य गेट पर व्हीलचेयर एवं स्ट्रेचर की संख्या बढ़ाने, मेडिकल एवं सर्जिकल ओपीडी की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने रिकॉर्ड रूम, आईसीयू, गैलरी, वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने किचिन में खाना तैयार कर रहीं महिलाओं से बात की। महिलाओं ने वेतन न मिलने के संबंध में बताया। कलेक्टर ने सिविल सर्जन को उनकी वेतन तीन दिन में देने के निर्देश दिए। कहा कि मरीज को वितरित होने वाली सब्जी एवं रोटी में पालक एवं मुनगा के पत्तों को शामिल करें। मुख्य गेट पर एंबुलेंस के लिए बनाएं सुगम रास्ता कलेक्टर ने अस्पताल के मुख्य गेट पर सीढ़ियों के कारण एंबुलेंस आने और लाेगाें काे अंदर ले जाने में हाेने वाली समस्या काे समझा। उन्हाेंने निर्देश दिए कि एंबुलेंस से मरीज काें स्ट्रेचर पर लेने के बाद अंदर जाने के रास्ते काे सुगम बनाया जाए। माैजूद सड़क की ऊंचाई बढ़ाएं ताकि एंबुलेंस से मरीज जल्द जा सकें। उन्हाेंने अस्पताल के सभी चैनल गेट में सुधार करने कहा ताकि स्ट्रेचर एवं व्हीलचेयर से आने-जाने में समस्या न हाे। ओपीडी पर्ची के साथ बनवाएं आयुष्मान कार्डकलेक्टर ने ओपीडी में आयुष्मान कार्ड नहीं हाेने की जानकारी ली। साथ ही निर्देश दिए कि आयुष्मान कार्ड नहीं हाेने की स्थिति में ओपीडी पर्ची बनाने के साथ ही यह कार्ड बनाकर इलाज कराया जाए ताकि संबंधित पीड़ित व्यक्ति को अन्यत्र न जाना पड़े और उसका इलाज तत्काल शुरू किया जा सके। दवा वितरण केंद्र पर दिव्यांगों के लिए अलग से काउंटर बनाने के निर्देश दिए। अस्पताल में न रहे भीड़ : कलेक्टर ने कहा कि जिला चिकित्सालय में मरीज के साथ केवल एक व्यक्ति ही प्रवेश करे। उसके लिए पास जारी किया जाए। बगैर पास के कोई भी व्यक्ति जिला चिकित्सालय में प्रवेश नहीं करे। इसकी संपूर्ण जवाबदेही सुरक्षा एजेंसी की रहेगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में चक्के वाले डस्टबीन रखे जाएं ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल उनको खाली भी कराया जा सके। अनुपयाेगी सामग्री हटाई जाए। नवजात के डिस्चार्ज के पूर्व जारी हो जन्म प्रमाण पत्रकलेक्टर ने जिला चिकित्सालय में अलग-अलग जगह मौजूद मरीजों से जानकारी ली। ओपीडी के प्रतीक्षालय कक्ष में बैठी प्रभा राठौर बच्चों को लेकर बैठी थी। पूछने पर बताया कि अस्पताल से छुट्टी हुई है। घर जाना है। बच्चों को टीकाकरण हो गया है। प्रभा के ससुर ने बताया कि अभी जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना है। कलेक्टर ने तत्काल जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले कर्मचारी काे बुलाया। जन्म प्रमाण पत्र न बनने का कारण पूछा। कलेक्टर ने हिदायत दी कि डिस्चार्ज के पूर्व ही बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र संबंधित के पलंग पर ही पहुंचे। एक प्रति उनके मोबाइल नंबर/ व्हाट्सएप पर शेयर की जाए। जन्म प्रमाण पत्र एवं मृत्यु प्रमाण पत्र का अतिरिक्त काउंटर भी जिला चिकित्सालय स्थित डफरिन अस्पताल में बनाएं। ओपीडी वेटिंग में बैठे गढ़ाकोटा निवासी लखन गौंड़ से भी जानकारी ली। उन्हाेंने बताया कि खून की जांच अभी तक नहीं मिली है।