ग्वालियर में एक नए तरीके का फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक व्यापारी को पता ही नहीं चला और ठगों ने उसके नाम पर LIG (हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड) से 30 लाख रुपए का लोन निकाल लिया। यह घटना 16 जून 2023 एलआईजी ऑफिस सिटी सेंटर की है। दो दिन पहले व्यापारी अपना सिविल स्कोर स्टेटस चेक करवा रहे थे, तभी उनके नाम से यह 30 लाख रुपए का लोन चलने की खबर मिली। इस पर वह सिटी सेंटर हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के ऑफिस पहुंचे तो पता लगा कि व्यापारी के नाम से लोन निकला है। इसमें उनका आधार कार्ड केवायसी में यूज किया गया है। इस पर व्यापारी आश्चर्य चकित रह गया। व्यापारी का कहना था कि इतना बड़ा लोन बिना डॉक्युमेंट वैरीफिकेशन, घर, अकाउंट व आॅफिस सत्यापन के कैसे दे दिया। पीड़ित ने मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच थाना में की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
शहर के सिटी सेंटर कैलाश विहार सत्यम ग्रीन पार्क निवासी संजीव पुत्र भगवती प्रसाद शर्मा व्यापारी हैं। वह सिटी सेंटर से ही DTDC कोरियर कंपनी का संचालन करते हैं। दो दिन पहले संजीव अपना सिविल स्कोर स्टेटस चेक कर रहे थे। तभी उनको पता लगा कि एक साल पहले उन्होंने LIG से 30 लाख रुपए का लोन लिया है। यह देखते ही संजीव आश्चर्य चकित रह गए। उनका कहना था कि उन्होंने कोई लोन के लिए एप्लाई तक नहीं किया है। इस पर वह सिटी सेंटर स्थित हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के दफ्तर पहुंचे तो यहां पता लगा कि उनके नाम एक लोन चल रहा है, जो उनके आधार कार्ड पर 16 जून 2023 को जनरेट हुआ है। इसके बाद और डिटेल निकाली गई तो जो आधार उसमें लगा था वह संजीव का था ही नहीं। उनका हाथ बहुत पहने ही जनरेट हो चुका था और यह आधार कार्ड लोन के टाइम पर ही बनाया गया था। उस पर फोटो उनका नहीं था। इसके बाद उनको पूरा माजरा समझ में आ गया कि उनके नाम पर फर्जीवाड़ा हुआ है।
बिना वेरिफकेशन कैसे जारी कर दिया लोन
जब संजीव ने LIG (हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड) के दफ्तर में जाकर पूछा कि आपने बिना वेरिफिकेशन लोन कैसे दे दिया। 30 लाख रुपए के लोन के लिए बैंक स्थायी पता का वेरिफिकेशन करता है। लोन लेने वाले के बैंक अकाउंट स्टेटमेंट का वेरिफिकेशन के साथ ही कई प्रोसेस होती हैं। इन प्रोसेस के बिना कैसे लोन जारी कर दिया। पीड़ित ने एलआईजी के कर्मचारियों की इसमें मिलीभगत होना बताई है।
क्राइम ब्रांच ने शुरू की जांच
ठगी का पता चलते ही संजीव शर्मा ने एसपी ग्वालियर से मामले की शिकायत की। जिसके बाद मामले की जांच क्राइम ब्रांच को दी गई है। क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जिस व्यक्ति ने फर्जी आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज का उपयोग कर लोन निकाला है उसकी पहचान की जा रही है।