सोयाबीन के दाम 6 हजार रुपए करने के लिए आंदोलन:कृषि मंत्री बोले- मांग हम तक नहीं आई, कांग्रेसियों ने शिवराज को याद दिलाया वादा

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सोया स्टेट कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में सोयाबीन की बंपर पैदावार के बावजूद किसानों को फसल का उचित दाम नहीं मिल पा रहा। 15 से ज्यादा जिलों में किसान सोयाबीन का उचित मूल्य 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल कराने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। रैलियां निकालकर स्थानीय अधिकारियों को ज्ञापन दिया जा रहा है। पूर्व सीएम दिग्विजय ने भी किसानों से भाजपा की सदस्यता नहीं लेने के लिए कहा है। इसे लेकर कृषि मंत्री एंदल सिंह कंषाना से भास्कर ने पूछा, तो उन्होंने कहा कि किसान की मांग उन तक पहुंची ही नहीं है। अगर मांग आएगी, तो किसान का सम्मान किया जाएगा। शिवराज को कांग्रेसियों ने रोक कर याद दिलाया वादा
इधर, दो दिन पहले विदिशा लोकसभा क्षेत्र के दौरे पर गंजबसौदा पहुंचे केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को रोककर कांग्रेसियों ने उन्हें पुराने वादे याद दिलाते हुए गेहूं का दाम 2700 रुपए प्रति क्विंटल करने और सोयाबीन का दाम 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल कराने की मांग की। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। दिग्विजय बोले- किसान बीजेपी की सदस्यता का विरोध करें पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा- किसान भाइयों भारतीय जनता पार्टी सदस्य अभियान चला रही है। इसका मुंह तोड़ जवाब देना है, तो इस बार सदस्यता ना लें। अगर आप किसान हो, तो इसका विरोध करो। सोयाबीन का भाव दो और सदस्यता लो। कमलनाथ बोले- सोया प्रदेश का दर्जा दिलाने वालों की मांग पूरी हो
पूर्व सीएम कमलनाथ ने X पर लिखा- ‘एक तरफ तो 5.47 मिलियन टन उत्पादन के साथ देश में पहला स्थान प्राप्त कर मध्य प्रदेश को ‘सोया प्रदेश’ का दर्जा मिला है। वहीं, दूसरी तरफ फसल उगाने वाले किसान उपज का सही मूल्य न मिलने से परेशान हैं। पिछले कई साल से सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि नहीं हुई है। बाजार भाव चार हजार रुपए प्रति क्विंटल पर अटका है, जबकि किसानों की लागत कई गुना बढ़ गई है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि जिन किसानों ने सोया प्रदेश का तमगा दिलाया, उन किसानों को सोयाबीन का उचित मूल्य प्रदान करना सरकार सुनिश्चित करे।’ किसान नेता राकेश टिकैत केन्द्रीय कृषि मंत्री को लिख चुके हैं पत्र
किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पिछले महीने 28 अगस्त को केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर सोयाबीन के दाम 6 हजार रुपए करने की मांग की थी। टिकैत ने पत्र में लिखा था कि सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4850 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन मप्र की मंडियों में सोयाबीन 3500 रुपए प्रति क्विंटल से लेकर 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल के बीच ही खरीदा जा रहा है, जबकि किसान को लागत 15 से 20 हजार रुपए प्रति एकड़ सोयाबीन पर आ रही है। कई साल से सोयाबीन के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं। भारतीय किसान संघ अगले हफ्ते तहसीलों में देगा ज्ञापन
भारतीय किसान संघ (मध्य भारत) के प्रांत प्रचार प्रमुख राहुल धूत का कहना है कि सोयाबीन के दाम बढ़ाने को लेकर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। भारतीय किसान संघ 5 सितंबर से 10 सितंबर के बीच सभी तहसीलों पर ज्ञापन देगा। इसके बाद 16 से 18 सितंबर के बीच जिला मुख्यालयों पर सोयाबीन के दाम बढ़ाने को लेकर ज्ञापन दिए जाएंगे। यदि सरकार ने नहीं सुनी तो फिर प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। महाराष्ट्र को पीछे कर एमपी बना सोया स्टेट इधर, सोयाबीन के बंपर उत्पादन के चलते मध्यप्रदेश ने महाराष्ट्र और राजस्थान को पीछे छोड़ दिया है। मप्र में 5.47 मिलियन टन उत्पादन के साथ देश में मप्र ने सोया उत्पादन में पहला स्थान हासिल किया है। भारत सरकार द्वारा जारी किए आंकड़ों के अनुसार देश के कुल सोयाबीन उत्पादन में मध्यप्रदेश का योगदान 41.92 प्रतिशत है। 2022-23 में महाराष्ट्र 5.47 मिलियन टन उत्पादन के साथ पहले स्थान पर था। मप्र में सोयाबीन का रकबा 2022-23 की तुलना में 2023-24 में 1.7% बढ़ा है। क्षेत्रफल पिछले साल 5975 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 2023-24 में 6679 हजार हेक्टेयर हो गया है।पिछले साल 2022-23 में सोयाबीन उत्पादन 6332 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 6675 हजार मीट्रिक टन हो गया। किसानों के समर्थन में नेताओं के ट्वीट