एमजीएम मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था पर हर महीने 1 करोड़ खर्च होते हैं, फिर पर्याप्त संख्या में गार्ड नहीं हैं। एमवायएच, कैंसर हॉस्पिटल, चाचा नेहरू अस्पताल, स्कूल ऑफ आई फॉर एक्सीलेंस, सुपर स्पेशिएलिटी, एमटीएच, एमआर टीबी और चेस्ट एंड टीबी वार्ड में 350 सुरक्षाकर्मी हैं, लेकिन 100 गार्ड की और जरूरत है। उधर, नशेड़ी द्वारा महिला डॉक्टर के ड्यूटी रूम का दरवाजा पीटने के मामले में जांच समिति बुधवार को रिपोर्ट सौंपेगी, लेकिन बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता महिला डॉक्टर अब कार्रवाई नहीं चाहती है। दरअसल, मरीज के जिस परिजन ने दरवाजा खटखटाया था, उन्होंने लिखित माफीनामा दे दिया है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के डॉ. आकाश वर्मा ने बताया कि परिजन ने माफी मांगी है। इसलिए अब पीड़ित डॉक्टर भी कार्रवाई नहीं चाहतीं हैं।
एमटीएच पहुंचे पुलिस अफसर
मंगलवार को सेंट्रल कोतवाली एसीपी विनोद दीक्षित, टीआई ने एमटीएच अस्पताल में प्रो. डॉ. सुमित्रा यादव, अधीक्षक डॉ. हेमलता झड़बड़े से महिलाकर्मियों व मरीजों की सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं पर चर्चा की। अधीक्षक ने कहा कि पुलिस अस्पताल परिसर की नियमित पेट्रोलिंग करे। सीधी बात- डॉ. संजय दीक्षित, डीन,एमजीएम मेडिकल कॉलेज एमवायएच सहित अन्य अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था कमजोर क्यों है?
जहां अंधेरा रहता था, वहां लाइट्स लगवाई हैं। चेस्ट वार्ड, मेंटल हॉस्पिटल, एमटीएच के तलघर में सीसीटीवी कैमरा लगवाया है। सीसीटीवी कैमरों को पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़ा जा रहा है। गर्ल्स हॉस्टल में बाउंड्रीवॉल बनाने के आदेश दे दिए हैं। एमवायएच में प्रवेश के कई रास्ते हैं, उन्हें बंद करेंगे, ताकि अवांछित लोगों की आवाजाही नहीं हो।
रात में डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए क्या उपाय कर रहे?
सीनियर कंसल्टेंट की नाइट ड्यूटी लगाई है। पुलिस विभाग के अफसर भी नियमित रूप से अस्पताल का राउंड ले रहे हैं।
कोलकाता की घटना के बाद किस तरह के सुधार किए हैं?
एम्बुलेंस का टोकन सिस्टम लागू करेंगे। सायरन भी लगा रहे हैं। ब्रीथ एनालाइजर खरीद रहे हैं।