एमवाय अस्पताल में तीन दिन पहले एक शराबी अटैंडर द्वारा महिला डॉक्टर ड्यूटी रूम का ताला तोड़ने प्रयास का मामला नाटकीय निकला। कमेटी को मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन जब बयान हुए और तस्वीर साफ होती गई। दरअसल मामला ताला तोड़ने के प्रयास या बदनीयती का था ही नहीं। शराबी अटैंडर ने अपने मरीज की बिगड़ती हालत को देखकर महिला डॉक्टर का रूम जोर-जोर से खटखटाया था। बयान के दौरान उसने महिला डॉक्टर और कमेटी के सामने खूब माफी मांगी और रोया भी। उसे महिला डॉक्टर ने माफ कर दिया। इसके बाद कमेटी कुछ कहने या करने की स्थिति में नहीं है। सोमवार को कमिश्नर, कलेक्टर राज्य शासन द्वारा निर्देशित अस्पतालों की सुरक्षा संबंधी स्थिति जानने के लिए एमवायएच भी पहुंचे थे। उन्होंने पूरे अस्पताल की सुरक्षा की स्थिति जानी थी। इसके साथ ही इस केस की भी जानकारी ली थी। फिर कमिश्नर भी सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तत्काल बैठक बुलाई। इसके साथ ही सारे अस्पतालों के सीसीटीवी कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़ने के निर्देश दिए। पहले जानिए क्या था मामला घटना 31 अगस्त की रात अस्पताल 5वीं मंजिल पर हुई थी। रात 12.30 बजे एक शराबी युवक महिला डॉक्टर ड्यूटी रूम पर गया। उस दौरान महिला डॉक्टर सो रही थी। उसने जोर-जोर दरवाजा खटखटाया। फिर ताला पर ठोंकना शुरू किया। इस पर महिला डॉक्टर डर गई। उसने जूनियर डॉक्टरों के इंटरनल ग्रुप पर मैसेज किए तो वे वहां पहुंचे। इसके बाद महिला डॉक्टर ने घटना बताई। तब वहां सिक्योरिटी गार्ड नहीं था और न ही कैमरा लगा है। एक अन्य गार्ड उसके पास के कॉरिडोर में कुर्सी पर सो रहा था। उसे घटना की जानकारी ही नहीं थी। इस बीच स्टाफ ने सीएमओ को लिखित शिकायत की। इधर, डॉक्टरों ने मामले को कोलकाता रेप-मर्डर कांड के बाद सुप्रीम कोर्ट और शासन द्वारा जारी सुरक्षा निर्देशों को लेकर सवाल उठाए। इस पर डीन डॉ. संजय दीक्षित ने तत्काल 1 सितम्बर की सुबह जांच के लिए चार सदस्यीय डॉक्टरों की कमेटी बनाई। कमेटी को सुप्रीम कोर्ट की गाइन लाइन के अनुसार 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपने को कहा। अगले दिन घबराकर चला गया जब अगले दिन उसे मीडिया और अस्पताल में घटना के बारे में पता चला तो काफी घबरा गया और चला गया। इधर, जांच कमेटी ने मंगलवार को महिला डॉक्टर, शराबी अटैंडर, अन्य ड्यूटी डॉक्टर, गार्ड आदि के बयान लेना शुरू किए। इस पर उसके परिजन पहुंचे और खूब माफी मांगी। इस दौरान वे रोते रहे और कहा कि एक बेटा पहले ही गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है। महिला डॉक्टर के बयान से दूसरे बेटे पर केस दर्ज हो जाएगा। उसकी भी जिंदगी खराब हो जाएगी। फिर शराबी अटैंडर भी कमेटी के सामने खूब रोया और गिड़गिड़ाने लगा। महिला डॉक्टर ने भी बयान में कहा कि वह मामले में कोई कार्रवाई नहीं चाहती। बहरहाल, अब कमेटी बुधवार को डीन को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट डॉ. आकाश वर्मा ने बताया कि मरीज एडमिट है। उसकी हालत ठीक है।