इंदौर-मनमाड़ 309 किमी की रेल लाइन दो राज्यों के 6 जिलों से होकर गुजरेगी। इसमें सबसे ज्यादा हिस्सा मप्र का ही होगा। इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलाई जाएंगी। ऐसे में 1500 करोड़ रुपए लागत के 18 करोड़ लीटर डीजल का आयात कम होगा। इससे 138 करोड़ किलो कार्बन-डाई-ऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा। पर्यावरण पर ऐसा प्रभाव आमतौर पर तब पड़ता है, जबकि साढ़े पांच करोड़ पेड़ लगाए जाएं। नई रेल लाइन के संबंध में जानकारी देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. माेहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मंगलवार को इंदौर में थे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कार्यक्रम में वर्जुअली जुड़े थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस रूट को मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के रूप में विकसित करेंगे। रेल मंत्री ने प्रोजेक्ट को तेज गति से पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार को सहयोग करने का कहा। इस पर मुख्यमंत्री ने मंच से ही आदेश जारी करते हुए एक टास्क फोर्स का गठन कर दिया। प्रदेश के अफसरों की यह टास्क फोर्स रेलवे अफसरों के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को समय सीमा में पूरा करने में मदद करेगी। इस मौके पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी भी मौजूद थे। नर्मदा नदी पर प्रदेश का सबसे बड़ा 1 किमी लंबा ब्रिज बनेगा
रेल मंत्री ने बताया कि इस रूट पर मप्र में नर्मदा नदी पर एक किमी लंबा ब्रिज बनेगा। यह संभवत: प्रदेश का सबसे लंबा ब्रिज होगा। लगभग 50 लाख यात्री प्रति वर्ष इस रूट पर सफर कर पाएंगे। 4 मेमू और 2 मेल व एक्सप्रेस ट्रेन दोनों तरफ से चलाई जा सकेंगी। 29 लाख लोग पहली बार रेल कनेक्टिविटी से जुड़ेंगे।
30 मालगाड़ी चलेंगी: प्याज, मिर्ची का कारोबार बढ़ेगा
30 माल गाड़ियां रोज चलेंगी। इनसे लगभग प्रतिवर्ष 25 मीट्रिक टन माल का परिवहन हो सकेगा। 35 फ्लाईओवर और 62 अंडरपास भी बनेंगे। प्याज के हब नासिक, धुले और नंदुरबार से मिर्ची, ज्वार और मक्का के गढ़ बड़वानी की सीधी कनेक्टिविटी होगी।