जिले में आज शिक्षकों ने एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) और यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी शिक्षकों का कहना है कि एनपीएस और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लागू करना उनकी आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने मांग की है कि सरकार पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को बहाल करे, जिससे सेवानिवृत्ति के बाद उनकी वित्तीय स्थिति सुरक्षित हो सके। जिलाध्यक्ष रवि सरनेकर ने बताया कि एनपीएस में पहले से ही कई खामियां थीं, जिसके चलते उनका भविष्य सुरक्षित नहीं था। अब, जब सरकार ने एनपीएस के स्थान पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू की है, तो स्थिति और भी गंभीर हो गई है। उनके अनुसार यह नई योजना न केवल उनकी पेंशन को और अनिश्चित बनाती है, बल्कि उनकी वित्तीय सुरक्षा को भी खतरे में डालती है। रवि सरनेकर ने आगे कहा कि शिक्षकों और कर्मचारियों का गुस्सा इस बात से है कि सरकार उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि 2 से 6 सितंबर तक, मध्यप्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारी अपने कार्यस्थलों पर काली पट्टी बांधकर एनपीएस और यूपीएस का विरोध कर रहे हैं। जब तक सरकार पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल नहीं करती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे और भी उग्र कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे।