अस्पताल में मरीजों को लाने ले जाने को लेकर एंबुलेंस संचालकों और चालकों द्वारा की जाने वाली मोटी वसूली को रोकने पूर्व मंत्री अजय विश्नोई के बेटे ने मोहन सरकार को एक एंबुलेंस एप बनाने का सुझाव दिया है। पूर्व मंत्री विश्नोई ने अपने बूेटे के सुझाव पर अमल करने की मांग मुख्यमंत्री मोहन यादव से की है। विश्नोई ने कहा है कि इससे निजी अस्पतालों की छीना झपटी रुकेगी और मरीज के परिजनों से एंबुलेंस का उचित किराया ही वसूला जा सकेगा। डिप्टी सीएम और लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल से भी इस पर अमल कराने के लिए कहा गया है। पूर्व मंत्री और जबलपुर जिले के पाटन से विधायक विश्नोई ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किए ट्वीट में कहा है कि मेरा बेटा अविजित डॉक्टर है, जबलपुर IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) का अध्यक्ष है और विचारशील भी है। एंबुलेंस के माध्यम से निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों की छीना झपटी और लूट को रोकने के लिए अविजित ने मोहन सरकार को एक एंबुलेंस एप बनाने का सुझाव दिया है। ओला-उबर एप की तरह काम करेगा एंबुलेंस एप ट्वीट में कहा गया है कि एंबुलेंस एप ओला-उबर एप की तरह काम करेगा। मरीज उस एप के माध्यम से अपनी सुविधा के हिसाब से अस्पताल जाने के लिए एंबुलेंस बुक करेगा। इस बुकिंग के दौरान दोनों के बीच हो रही बातचीत भी रिकॉर्ड होगी। एंबुलेंस को इस एप पर रजिस्टर होने के लिए एंबुलेंस में उपलब्ध सुविधाओं के नियम और किराया भी निर्धारित होगा। डॉक्टर अविजित विश्नोई के इस सुझाव पर मध्य प्रदेश सरकार ने अभी तक कोई पहल नहीं की है। उम्मीद करता हूं कि राजेंद्र कुमार शुक्ल जो स्वास्थ्य मंत्री के साथ साथ उप मुख्यमंत्री भी हैं, वे जल्द ही कोई सकारात्मक कदम उठाएंगे।