प्रदेश सहित जिले में मानसून का असर बरकरार है। जिले में बीते 24 घंटे के दौरान जिले में औसत रूप से 16 मिमी वर्षा हुई है। इसको मिलाकर इस वर्ष अब तक जिले में औसत वर्षा का आंकड़ा 26.9 इंच तक पहुंच गया है, जो औसत के कोटे से अब मात्र ढाई इंच पीछे है। जिले के निवाली क्षेत्र में इस वर्ष अब तक 1000 मिमी से अधिक मिमी वर्षा दर्ज हो चुकी है। इसके साथ ही सभी वर्षामापी केंद्र पर बीते वर्ष से दोगुना या उससे अधिक वर्षा हो चुकी है। क्षेत्र में रविवार से शुरू हुआ तेज वर्षा का दौर रुक-रुककर मंगलवार सुबह भी जारी रहा। तेज व झमाझम वर्षा से सड़कें धुल गई। वहीं नाली-नाले तेज वेग से बहे। लगातार वर्षा से मौसम में ठंडक होने लगी है। बीते 24 घंटे के दौरान बड़वानी में 11, पाटी में अंजड में 9, ठीकरी में 14, राजपुर में 16, सेंधवा में 26, चाचरियापाटी में 47, वरला में 16.4, पानसेमल में 5.4 और निवाली में 15.4 मिमी वर्षा हुई है। इस वर्ष अब तक जिले में औसत वर्षा 683.1 मिमी वर्षा दर्ज हुई है। जबकि गत वर्ष इस दौरान 401.1 मिमी पानी बरसा था। इस वर्ष अब तक इतनी हो चुकी वर्षा भू-अभिलेख कार्यालय के अनुसार इस वर्ष अब तक बड़वानी में 498.1 मिमी, पाटी में 487.2 मिमी, अंजड़ में 520 मिमी, ठीकरी में 532.5 मिमी, राजपुर 510 मिमी, सेंधवा 766 मिमी, चाचरियापाटी में 949 मिमी, वरला में 700.1 मिमी, पानसेमल में 794.4 मिमी और निवाली में 1074 मिमी वर्षा हो चुकी है। गत वर्ष इतनी हुई थी वर्षा वहीं 2 सितंबर की स्थिति में गत वर्ष बड़वानी में 367.5 मिमी, पाटी में 195.9 मिमी, अंजड़ में 339.9 मिमी, ठीकरी में 494.6 मिमी, राजपुर में 332.6 मिमी, सेंधवा में 371.0 मिमी, चाचरियापाटी में 551.0 मिलीमीटर, वरला में 520.4 मिमी, पानसेमल में 368.8 मिमी एवं निवाली में 474.6 मिमी वर्षा दर्ज हुई थी। नर्मदा बैकवाटर 134 के आसपास स्थिर बीते वर्ष नर्मदा बैकवाटर अपने उच्च लेवल से 4 मीटर ऊपर आया था। इस बार ऊपरी बांधों का पानी छोड़ने और सतत वर्षा के चलते सरदार सरोवर बांध के गेट गत माह से ही खोले गए है। इससे बैकवाटर का लेवल संतुलित बना हुआ है। बीते कई दिनों से बैकवाटर 134 मीटर के आसपास बना हुआ है, जो उच्च लेवल से 4 मीटर नीचे है। अतिवर्षा की चेतावनी, बचाव की गाइडलाइन जारी
मौसम विभाग के अनुसार इंदौर संभाग के कुछ जिलों में अगले 24 घंटे में चमक-गरज के साथ अति वर्षा की संभावना है। मौसम विभाग ने गाइडलाइन जारी कर लोगों से घरों मे रहने, पेड़ों के नीचे खड़े नहीं होने सहित अन्य बचाव के उपाय बताए है। वहीं किसानों से खेतों में जल जमाव रोकने के लिए निकासी की व्यवस्था करने, पशुओं को बाड़े में बांधने आदि आह्वान किया है।