राजधानी में मंगलवार काे एक 35 साल के युवक की डेंगू से पहली मौत होने का मामला सामने आया है। हालांकि मृतक का डेंगू टेस्ट रेपिड पद्धति से किया गया था। इसलिए विभाग इसे डेंगू से संदिग्ध मौत मान रहा है। डेंगू टेस्ट रेपिड पद्धति से हुआ था, जबकि स्वास्थ्य विभाग एलाइजा पद्धति को ही मान्य करता है। डॉक्टरों के मुताबकि मौसम में आ रहे बदलाव डेंगू मच्छरों के लिए ज्यादा मददगार है। ऐसे में लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। इधर, शहर में मंगलवार को 3 नए डेंगू पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इसके बाद शहर में डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 188 हाे गई है। भोपाल में डेंगू के मरीजों की संख्या अब नए रिकॉर्ड की ओर है। बता दें कि युवक को बुखार आने पर निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। दो दिन बाद भी उसकी सेहत में सुधार नहीं हुआ, जबकि प्लेटलेट्स लगातार कम हो रही थी। इसके चलते रविवार देर रात उसकी मौत हो गई। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि सितंबर माह में डेंगू के मामले ज्यादा सामने आते हैं। इसके लिए हम जांच की संख्या बढ़ा रहे हैं। संदिग्ध मरीजों की एलाइजा पद्धति से जांच कराई जा रही है। इलाज के सभी जरूरी इंतजाम किए गए।