इंदौर-मनमाड़ नई लाइन पर 160 किलोमीटर रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन:रेल मंत्री वैष्णव और CM यादव ने दी जानकारी, मप्र में 17 नए स्टेशन भी बनेंगे

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इंदौर से मनमाड़ के बीच नई रेलवे लाइन को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। मुख्यमंत्री इंदौर आए थे जबकि वैष्णव वर्चुअल जुड़े थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा 309 किमी लंबा प्रोजेक्ट 18 हजार 36 करोड़ रुपए का है। इसे डेटलाइन में 2029 तक हर हाल में पूरा किया जाएगा। इसे प्रदेश के लिए इकोनॉमिक के साथ धार्मिक कॉरिडोर के रूप में भी विकसित करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ मध्य प्रदेश के लिए फायदेमंद नहीं है बल्कि देश के मध्य में होने से पूरे देश को फायदा मिलेगा। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस रूट पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलेगी। इस ट्रैक पर कवच सिस्टम से सिग्नल ऑपरेट होंगे। चार जगह रेलवे गोदाम बनेंगे जो मप्र में इंदौर के पास कैलोद और धार जिले में ग्यासपुर खेड़ी में बनेंगे। दो महाराष्ट्र के न्यू धुले और माले गांव में गोदाम बनेंगे। इसका फ्रेट कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। रेल मंत्री ने आगे कहा कि इस रूट पर अभी सिंगल लाइन डाली जाएगी लेकिन रूट पर सभी 35 रेलवे ओवरब्रिज को डबल लाइन के हिसाब से बनाया जाएगा। भविष्य में यदि इस रूट को डबल लाइन का करना पड़े तो नए सिरे से ब्रिज नहीं बनाना पड़े। मप्र में 18 और महाराष्ट्र में 16 रेलवे स्टेशन होंगे इंदौर से मनमाड़ तक कुल 34 रेलवे स्टेशन इस लाइन पर आएंगे। इनमें से 30 नए बनेंगे जबकि चार पहले से है। इसमें मप्र में 17 नए स्टेशन (कुल 18) बनेंगे। इंदौर तरफ से देखें तो महू (पहले से है), कैलोद, कमदपुर, झाड़ी बरोदा, सराय तालाब, नीमगढ़, चिक्त्या बड़, ग्यासपुर खेड़ी, कोठड़ा, जरवाह, अजंदी, बघाड़ी, कुसमारी, जुलवानिया, सली कलां, वनिहार, बवादड़ और मालवा (महाराष्ट्र बॉर्डर) पर बनेगा। महाराष्ट्र में 16 स्टेशन होंगे, जिसमें से तीन पहले से बने हुए हैं। ये स्टेशन सांगवी, लोकी, शिरपुर, दभाक्षी, नदाना (पहले से है), न्यू धुले (पहले से है), कस्बे ललिंग्नान, पूरमपेड़ा, झांझ, छीकाहोल, मालेगांव, यसगांव बीके, मेहुन, चोंधी, खटगांव और मनमाड़ (पहले से है)। सीएम बोले ये आदिवासियों की विकास लाइन सीएम मोहन यादव ने कहा कि ये रेल नहीं आदिवासियों के विकास की लाइन है। रेलवे नहीं होने से आजादी के कारण यहां से बड़ी संख्या में आदिवासियों का पलायन हुआ है। आदिवासियों के उत्थान की दिशा में यह महत्वपूर्ण है। इससे आदिवासियों का पलायन भी रुकेगा। ये त्र्यंबकेश्वर से महाकालेश्वर को जोड़ने वाला रास्ता है। माइनिंग से मिलेट्स, नासिक का प्याज, मालवा का आलू को बड़ा मार्केट मिलेगा। लॉजिस्टिक हब भी विकसित होगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि ये आर्थिक के साथ धार्मिक कोरिडोर भी बनेगा।