अल्ट्राटेक सीधी सीमेंट प्लांट प्रबंधन को सौंपा ज्ञापन:मजदूर संघ ने कहा- मांगे पूरी नहीं हुईं तो हड़ताल करेंगे

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अल्ट्राटेक सीधी सीमेंट प्लांट में कार्यरत श्रमिकों की समृद्धि विषयक ज्ञापन पत्र आज 3 सितम्बर को भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध अल्ट्राटेक सीमेंट कर्मचारी एवं खदान श्रमिक संघ मझिगवां ने मध्यप्रदेश ट्रेड यूनियन की प्रबंध कार्यकारिणी द्वारा प्लांट प्रबंधन को दिया है। यह भी कहा गया है कि यदि दो सप्ताह तक की समयावधि के अंतराल में श्रमिकों के हित मे प्रबंधन द्वारा सक्रियता पूर्वक सकारात्मक कार्यान्वयन तथा समुचित क्रियान्वयन न किए गए तो हम काम बंद हड़ताल करेंगे। इन मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन ज्ञापन पत्र में अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्रों में कार्यरत श्रमिकों को वार्षिक बोनस दिया जाने, फैक्ट्री तथा खदान अधिनियम एक्ट में उल्लेखित विहित प्रावधानों के अनुसार व्यवसायिक सुरक्षा कल्याण किए जाने, प्रदूषण की रोकथाम के पुख्ता इंतजाम किए जाने, श्रमिकों के बीच वेतन तथा भत्ते की निर्मित विषमताओं को दूर करने, सीमेंट वेज बोर्ड के श्रमिकों को एचआर, भत्ते के नाम पर मनमाफिक नियत किए गए 125 रुपए के स्थान पर निर्धारित तीस प्रतिशत के अनुसार दिए जाने, इ एण्ड पी श्रेणी के आपरेटिव श्रमिकों को यूटीसीएल के को नम्बर की भांति उनके नाम के एन ग्रेट को समाप्त कर एबीसीडी किए जाने, मूल वेतन में महंगाई भत्ता सम्मिलित कर बोनस एक्ट 1948 का अनुपालन किए जाने,प्लांट तथा माइंस के जोखिम युक्त स्थलों को सुव्यवस्थित किए जाने, शुद्ध पेयजल तथा समुचित शौचालयों की व्यवस्था संयंत्र परिसर में किए जाने, अस्पताल मेस तथा अग्निशमन दमन विभागीय कर्मचारियों को पूर्व कंपनी की भांति मेडिकल, मेडीक्लेम तथा एचआरए, भत्ता दिए जाने, श्रमिकों के हितार्थ आवासीय कॉलोनी व्यवस्था तथा संयंत्र परिसर में चार साल बंद कैंटीन चालू करने, ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी लागू किए जाने, सीएच सप्लाई श्रमिकों के लिए अवकाश, मेडिकल, मेडीक्लेम आदि बुनियादीएवं मूलभूत तथ्यों को पूरा करने के लिए निर्देशित किया है। प्रबंधन द्वारा प्रेषित पत्रों की अनदेखी की गई यूनियन के अध्यक्ष वीरभानु सिंह द्वारा बताया गया है कि यूनियन द्वारा भारतीय मजदूर संघ की रीति नीति के अनुसार सामंजस्य स्थापित कर सौहार्दपूर्ण वातावरण में श्रमिकों के हितार्थ सकारात्मक सोच रखने तथा उनके समुचित विकास करने के मद्देनजर 14 जून को ध्यानाकर्षण पत्र 25 जुलाई को स्मरण पत्र वहीं 9 अगस्त को मांग पत्र प्लांट प्रबंधन को प्रेषित किया गया था। प्रबंधन द्वारा प्रेषित पत्रों की अनदेखी की गई है। श्रमिकों में उनके बीच आपसी उन्माद उत्पन्न कर वातावरण को प्रदूषित किया मनमाफिक कार्यपालिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।