35 हजार की सैलरी पाने वाला करोड़पति मैनेजर:’स्पेशल 9′ गैंग बनाकर रजिस्ट्री घोटाला किया; दो करोड़ के दो फ्लैट, 4 लग्जरी गाड़ियां खरीदीं

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जबलपुर में `स्पेशल 9` गैंग बनाकर फर्जी रजिस्ट्री घोटाला करने वाला बैंक मैनेजर करोड़पति निकला है। 35 हजार रुपए महीने की सैलरी पाने वाले अनुभव दुबे ने दो साल में एक-एक करोड़ के दो फ्लैट और 4 लग्जरी गाड़ियां खरीदी हैं। परिवार के नाम पर दो फ्लैट के साथ बेनामी संपत्ति भी है। एमपी एसटीएफ के मुताबिक, इस गैंग को 9 लोग मिलकर ऑपरेट कर रहे थे इसलिए इसे ‘स्पेशल-9’ नाम दिया गया है। सभी आरोपी गिरफ्तार हैं। उनके कब्जे से फर्जी रजिस्ट्री सहित आधार कार्ड, पैन कार्ड और सीलें भी बरामद की गई हैं। शुरुआती कार्रवाई में 15 फर्जी रजिस्ट्री बरामद की गई थीं, यह संख्या बढ़कर अब 60 से ज्यादा हो गई है। फर्जी रजिस्ट्री बैंक में रखकर लोन लेते थे दरअसल, इस गैंग के सदस्य फर्जी रजिस्ट्री लगाकर बैंक से लोन लेते थे। गैंग बॉलीवुड मूवी ‘स्पेशल 26’ की तर्ज पर काम कर रहा था। जिस तरह फिल्म ‘स्पेशल-26’ के किरदार सिर्फ वारदात के वक्त ही इकट्ठा होते थे, बाकी समय अपनी नौकरी-बिजनेस में बिजी रहते थे, उसी तरह जबलपुर में पकड़े गए जालसाजों में से कोई बैंक में काम करता है, तो कोई प्राइवेट नौकरी। गिरोह का एक सदस्य प्रवीण पांडे अकाउंट होल्डर बनता था। उसने कभी शेख सलीम तो कभी प्रवीण काले बनकर शहर के एक नहीं बल्कि कई बैंकों में खाते खुलवाए और फिर फर्जी रजिस्ट्री जमा कर लोन लिया। एक्सिस बैंक में अनुभव दुबे और हिंदुजा बैंक में संदीप चौबे की मदद से प्रवीण ने अलग-अलग नाम की फर्जी रजिस्ट्री लगाकर लोन लिए। गिरोह का एक और सदस्य पुनीत उर्फ राहुल पांडे माढोताल स्थित जना बैंक का कर्मचारी था। इसकी मदद से प्रवीण ने जना बैंक में 6 फर्जी रजिस्ट्री लगाकर करीब 1 करोड़ रुपए का लोन लिया। प्रवीण ने एक्सिस बैंक, जना बैंक, हिंदुजा बैंक, इंडिया शेल्टर हाउसिंग फाइनेंस से भी अच्छा खासा लोन लिया था। एसटीएफ की जांच में पुष्टि हुई है कि गैंग ने अभी तक करीब 6 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया है। पत्नी-रिश्तेदारों के खाते में डालता था काली कमाई अनुभव दुबे ने दो साल पहले प्लानिंग मैनेजर के रूप में ऐक्सिस बैंक ज्वॉइन किया था। सैलरी 35 हजार रुपए महीना होने के बावजूद शहर के सबसे पॉश इलाके नर्मदा एवेन्यू में अनुभव के चार फ्लैट होने की जानकारी मिली है। हालांकि, एसटीएफ को अभी तक एक-एक करोड़ के दो फ्लैट के दस्तावेज ही मिले हैं। एक फ्लैट में अनुभव अपनी पत्नी के साथ रहता है जबकि दूसरे फ्लैट में उसकी सास रहती है। अनुभव के ससुर की गोरखपुर में गैस एजेंसी है। एसटीएफ ने अभी तक की जांच में ये भी पाया है कि अनुभव अपनी काली कमाई पत्नी और अन्य रिश्तेदारों के बैंक खातों में ट्रांसफर करता था। इसी पैसे से अलग-अलग नामों से प्रॉपर्टी खरीदी जाती थी। हर छह महीने में घूमने के लिए विदेश जाता था अनुभव ने 2022 में जबलपुर में ही लव मैरिज की थी। इसके बाद पत्नी और सास के साथ विदेश यात्रा पर घूमने गया था। वहां परिवार के साथ 12 दिन तक रुका था। वह 2023 में घूमने के लिए दुबई भी गया था। वह हर छह महीने में पत्नी और रिश्तेदारों के साथ हॉलीडे टूर पर जाता था। अनुभव और उसकी पत्नी को लग्जरी गाड़ियों का भी शौक है। अनुभव के अलावा उसकी पत्नी, सास और ससुर सभी के पास अलग-अलग लग्जरी कारें हैं। सफाई कर्मचारी के साथ की थी मारपीट गोरखपुर के नर्मदा एवेन्यू में रहने वाले अनुभव दुबे ने सितंबर 2023 में सफाई कर्मचारी रवि कुमार के साथ जमकर मारपीट की थी। जिसके बाद अनुभव और उसके ससुर के खिलाफ एट्रॉसिटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई थी। कोर्ट से उसे जमानत मिली थी। अनुभव ने ऑनलाइन एप्लिकेशन भी तैयार कर रखी थी। इसके जरिए वह लोगों को अधिक से अधिक पैसा कमाने की ऑनलाइन ट्रिक बताया करता था। अनुभव जिस कंपनी से जुड़ा था, उसका नाम एमएमएम एक्स्ट्रा है। उसका स्लोगन था- एक्स्ट्रा मनी अप 100 प्रतिशत । मृत लोगों के नाम पर भी ले लिया लोन गैंग का एक अन्य सदस्य राजेश डेहरिया लोगों को लोन दिलाने के नाम पर उनकी रजिस्ट्री अपने पास रखता था। राजेश ने जबलपुर के अधारताल में रहने वाले प्रमोद शर्मा का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कराकर उसकी जमीन के खसरे से नाम हटाया और राजेश डेहरिया का नाम बदलकर खुद प्रमोद शर्मा का फर्जी बेटा राजेश शर्मा बन गया। इसके बाद राजेश ने प्रमोद शर्मा की जमीन का नामांतरण अपने नाम करा लिया। राजेश डेहरिया ने राजेश शर्मा के आधार कार्ड और पैन कार्ड की भी इतनी सफाई से नकल की थी कि सब चकमा खा गए। एसटीएफ भी प्रमोद शर्मा को तलाश रही है, जिसके नाम का राजेश ने उपयोग किया और जमीन के मार्फत लोन ले लिया। आशंका यह भी जताई जा रही है कि स्पेशल-9 गैंग ने मिलकर प्रमोद शर्मा को गायब करवा दिया है। जमीन बेची भी, लोन भी लिया राजेश डेहरिया ने कई लोगों के नाम से फर्जी विक्रय पत्र बनवाए हैं। उसने जनवरी 2003 में गुलाम हुसैन पिता खलील अहमद निवासी गाजी नगर, चितरंजन वार्ड, रद्दी चौकी की जमीन के कुल रकबे 0.648 हेक्टेयर में से 0.210 हेक्टेयर हिस्सा बेच दिया। जमीन के एक हिस्से को टाटा कैपिटल बैंक में गिरवी रखकर 3 करोड़ का लोन ले लिया। ये लोन कौन चुकाएगा, ये किसी को पता नहीं है। फर्जी रजिस्ट्रियों की संख्या 60 से ज्यादा मामले की जांच कर रही एसटीएफ के डीएसपी संतोष तिवारी ने बताया कि 9 आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद 15 फर्जी रजिस्ट्री बरामद की गई थीं। इनकी संख्या अब बढ़कर 60 से अधिक हो गई है। इस गोरखधंधे में पहले चार बैंकों से फ्रॉड का खुलासा हुआ था, अब कुछ और बैंकों के नाम भी सामने आए हैं। डीएसपी तिवारी ने कहा कि फिलहाल 9 लोग गिरफ्त में हैं। गैंग के सदस्यों की संख्या 10 से 15 हो सकती है। यह खबर भी पढ़ें… ‘स्पेशल 9’ गैंग का फर्जी रजिस्ट्री घोटाला: नकली कागजात देकर 6 करोड़ के लोन निकाले; बैंक अफसर ही चला रहे थे गिरोह जबलपुर में पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसके सदस्य फर्जी रजिस्ट्री लगाकर बैंक से लोन लेते थे। बड़ी बात तो यह है कि इस गैंग को बैंक के अधिकारी ही चला रहे थे। गैंग बॉलीवुड मूवी ‘स्पेशल 26’ की तर्ज पर काम कर रहा था। जिस तरह फिल्म ‘स्पेशल-26’ के किरदार सिर्फ वारदात के वक्त ही इकट्ठा होते थे, बाकी समय अपनी नौकरी-बिजनेस में बिजी रहते थे। पूरी खबर पढ़ें