9 साल पहले 38 करोड़ 95 लाख रुपए की लागत से बने शहर के पहले छह लेन तीन इमली फ्लायओवर का कुछ हिस्सा धंस गया था। नगर निगम और लोक निर्माण विभाग मरम्मत के लिए एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे थे। ऐसे में कलेक्टर ने इस मामले में हस्तक्षेप किया।
पीडब्ल्यूडी को मरम्मत कराने के निर्देश दिए। विभाग ने ब्रिज का निरीक्षण करने के बाद मरम्मत कराने का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय में भेजा है। जब तक प्रस्ताव मंजूर नहीं होता, तब तक काम शुरू नहीं होगा। नगर निगम ने यहां बैरिकेडिंग कर दी है। मूसाखेड़ी की ओर से आने वाले वाहन चालकों को उतरते वक्त ध्यान से गाड़ी चलाना होगी। रात में रोशनी भी कम रहती है। डिजाइन में ही फाल्ट
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि तीन इमली ब्रिज की डिजाइन में ही शुरू से फाल्ट रहा है। ब्रिज का कुछ हिस्सा महज 9 साल में कैसे धंस गया, गड्ढे इतने गहरे कैसे हो गए, इसकी भी जांच कराई जाएगी। मालूम हो, बनते वक्त ही इस ब्रिज की एक स्लैब गिर गई थी।