पैचवर्क का पंचनामा:सुबह गड्‌ढे भरे, दोपहर में ‘उखड़े’ रात को सर्टिफिकेट- सब सही है

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रविवार को पूरे दिन सड़क, गड्‌ढे, पैचवर्क, जलजमाव और बत्ती गुल चर्चा में रहे। सुबह मौसम साफ देख नगर निगम ने स्पेशल केमिकल युक्त सीमेंट से भंडारी मिल तिराहा पर सड़क का पैचवर्क किया। निगम का दावा है कि जिस कंपनी से यह काम करवाया जा रहा, वह 5 साल तक मेंटेनेंस करेगी। 10 साल तक यह पैचवर्क उखड़ेगा नहीं। 2 घंटे में ही यह पैचवर्क सेट हो जाता है और आवाजाही शुरू हो सकती है। कांग्रेस ने कहा- मजबूती का दावा खोखला, बारिश होते ही पैचवर्क उखड़ा
पैचवर्क के बाद तेज बारिश हुई तो कांग्रेस पदाधिकारी निरीक्षण करने पहुंचे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संभागीय प्रवक्ता विवेक खंडेलवाल, शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने कहा निगम ने जिस मजबूत पैचवर्क का दावा किया था, वह बारिश होते ही उखड़ गया। कांग्रेस ने उखड़े हुए पैचवर्क का फोटो भी जारी किया। इंजीनियर भेजे, पैचवर्क वैसा ही, निगम बोला- कांग्रेस ने दूसरे गड्ढे दिखा दिए
उधर, कांग्रेस के आरोप के बाद निगम प्रशासन ने इंजीनियर को मौके पर भेजा तो देखा कि पैचवर्क वैसा ही था। उखड़ा नहीं था। इस पर एमआईसी सदस्य राजेंद्र राठौर ने कहा कि कांग्रेस महापौर व परिषद को बदनाम करने की कोशिश में लगी है। झूठी राजनीति कर रहे हैं। लोगों को बहका रहे हैं। जहां काम हुआ ही नहीं, वहां के फोटो जारी कर रहे हैं। ईको फ्रेंडली सिस्टम से गड्ढे भरने का ट्रायल
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि ईको फ्रेंडली सिस्टम से गड्ढे भरने का ट्रायल किया गया। इसमें इस्तेमाल सीमेंट स्पेशल केमिकल वाला है जो 2 घंटे में ही सूख जाता है। इसके बाद सड़क का हिस्सा ट्रैफिक के लिए उपयोग किया जा सकता है। पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ जगह इसका इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसे होता है यह स्पेशल पैचवर्क
गड्ढे का उखड़ा हुआ मटेरियल बाहर निकाला जाता है। गड्ढे को साफ किया जाता है, ताकि बेस तैयार हो सके। 25 किलो मटेरियल में ढाई लीटर लिक्विड मिलाकर पैचवर्क का मटेरियल तैयार किया जाता है। इसमें डामर का उपयोग नहीं होता। स्पेशल ईको फ्रेंडली सीमेंट (पॉलीमर स्ट्रेंथ वाला) मिक्स किया जाता है। और इधर, एक इंच बारिश में फिर तालाब बनी शहर की सड़कें रविवार को एक इंच बारिश में सड़कें फिर तालाब बन गईं। बीआरटीएस पर भी जलजमाव हुआ। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर क्षेत्र में एक बगीचे के आसपास पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं थी। इससे पानी सड़क पर जमा हो गया।
5 हजार से अधिक घरों में शाम को अंधेरा छाया रहा
मिल क्षेत्र में दोपहर 3 बजे से बिजली गई जो रात 8 बजे तक बंद रही। 26 फीडर से जुड़े 5 हजार से अधिक घरों में शाम के वक्त अंधेरा रहा। दरअसल, रफ्तार से हवा चलने और बारिश होने के कारण तारों पर पेड़ों की टहनियां गिर गईं। पोल पर भी फॉल्ट हुए, जिसकी वजह से सप्लाय प्रभावित हुई।