रतलाम में 9वीं क्लास की छात्रा की सांप काटने से मौत हो गई। सांप काटते ही परिजन छात्रा को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। डेढ़ घंटे तक इलाज नहीं मिलने पर शरीर में जहर फैलने से मौत हो गई। स्नेक बाइट का इंजेक्शन भी बाहर से मंगवाया। परिजनों ने इलाज में देरी होने व सरकारी हॉस्पिटल होने के बावजूद बाहर से इंजेक्शन मंगवाने को लेकर विरोध किया। अस्पताल परिसर में धरने पर बैठ गए। इलाज में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की मांग करने लगे। मृतिका छात्रा का नाम आशा (14) पिता जगदीश मईड़ा निवासी अर्जुन नगर रतलाम है। छात्रा मूलत: परनाला थाना शिवगढ़ की रहने वाली है। छात्रा रतलाम में अपने दो छोटे भाई हरीश (12) व शंकर (9) के साथ रह कर पढ़ाई करती थी। आशा सोमवार सुबह करीब 6.30 बजे नल आने पर पानी की मोटर का बटन दबाने गई। कच्चा मकान होने के कारण दीवाल में बने बिल में से सांप ने सीधे हाथ पर डस लिया। छात्रा खुद पड़ोस में रहने वाली काकी रेखा चरपोटा के पास गई। कहां काकी सांप ने काट लिया। तभी पास में रहने वाले परिजन व पड़ोसी उसे जिंदा हालात में सुबह 6.40 बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। छात्रा की काकी रेखा चरपोटा ने बताया पर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व नर्सो ने इलाज करने के पहले कागजी कार्रवाई करने को कहा। हमने कहा आप इलाज तो शुरू कर दो। हम कागज बनवा लेंगे। लेकिन वह लोग नहीं माने। फिर हॉस्पिटल में इंजेक्शन नहीं होने का कह कर बाहर से लाने को कहा। हमने कहा सुबह का टाइम मेडिकल नहीं खुलेंगे आप इंतजाम कर दो। लेकिन उन्होंने मना कर दिया। फिर जैसे-तैसे अस्पताल से बाहर जा मेडिकल से करीब 5700 रुपए का एक इंजेक्शन लेकर आए। कागजी कार्रवाई करने से लेकर भर्ती करने व इंजेक्शन लाने करने में डेढ़ घंटे के समय के बीच इलाज नहीं मिला। इससे उसकी मौत हो गई। अस्पताल चौकी के बाहर धरने पर बैठे इलाज में देरी व लापरवाही का आरोप लगाते परिजन अस्पताल चौकी के बाहर धरने पर बैठ गए। जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशु निनामा भी पहुंचे। वह भी परिजनों के साथ बैठ गए। अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ विरोध जताया। परिजन डॉक्टर व नर्सों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। ताकि दूसरों के साथ ऐसा ना हो। तब सिविल सर्जन डॉ. एमएस सागर, डॉ. भरत निनामा आए। परिजनों को समझाया। सिविल सर्जन ने जांच का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन माने। शव को एंबुलेंस से पीएम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा। मां गांव में पिता मजदूरी करने सूरत गए छात्रा के काका हरिश चंद्र ने बताया भतीजी की मां गांव में थी। पिता मजदूरी करने गुजरात के सुरत गए है। भतीजी रतलाम में अपने दो छोटे भाईयों के साथ रहकर शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई कन्या उमावि में पढ़ाई करती है। हरिशचंद्र ने बताया कि रात के समय पानी गिरा था। कच्ची झुग्गी झोपड़ी बनी है। पानी के लिए लाइट का बोर्ड दबाते समय सांप ने काटा। अस्पताल में समय पर बेड भी नहीं मिला। इधर से उधर करते रहे। समय पर इलाज मिल जाता तो हमारी भतीजी हमारे साथ होती। कार्रवाई की जाए- जिपं उपाध्यक्ष जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशु निनामा ने बताया कि ड्यूटी पर डॉक्टर होने के बाद समय पर इलाज नहीं किया। पर्ची बनाने को लेकर भी परेशान किया। मेडिकल स्टोर से जहरीले सांप की मेडिसीन लेकर आए। एक मेडिसीन करीब 5662 की आई। 11 मंगवाई। ऐसे में गरीब आदमी कैसे लेकर आएगा। समय पर आने के बाद इलाज नहीं मिलने पर डॉक्टरों व नर्सों को ड्यूटी करने का अधिकार नहीं है। सिविल सर्जन से कार्रवाई की मांग की है। नोटिस दे रहे- सिविल सर्जन सिविल सर्जन डॉ. एमएस सागर ने कहा स्नेक बाइट हुआ था। भर्ती कर दिया था। ड्यूटी पर तैनात स्टाफ ने इंजेक्शन लगाए है। ओर जरुरत थी। सिस्टर ने एक इंजेक्शन मंगवाने का बोला था। इससे परिजन नाराज हो गए। संबंधित को नोटिस जारी कर रहे है। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करेंगे।