इंदौर में सितंबर के दूसरे दिन सुबह से बादल छाए हैं। जबकि पहले ही दिन दोपहर में जमकर पानी बरसा। करीब एक घंटे में एक इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। तेज बारिश से कई इलाकों की सड़कों पर पानी भर गया। सितंबर के शुरुआती 10 दिन इसी तरह पानीदार रहने वाले हैं। कारण यह है कि बंगाल की खाड़ी में बना एक सिस्टम पश्चिमी मध्यप्रदेश में सक्रिय है। यह 4 सितंबर तक असर दिखाएगा। फिर 6 सितंबर से एक और सिस्टम सक्रिय हो जाएगा। लगातार 5वां साल ऐसा होगा, जब औसत से अधिक बारिश तय होने जा रही है। अभी सीजन की 30 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस दौरान 25 इंच ही बारिश हुई थी। हालांकि पिछले साल सितम्बर के दूसरे हफ्ते में जोरदार बारिश हुई थी। तब 30 घंटों में करीब 11.8 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई थी। इसने 61 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। पिछले साल सितम्बर के आखिरी हफ्ते सीजन की बारिश 44 इंच दर्ज हुई थी। सितम्बर माह का मिजाज और अभी की स्थिति बारिश के सीजन के लिए जून, जुलाई और अगस्त महीने खास होते हैं, जबकि सितम्बर में मानसून कमजोर पड़ने लगता है। सितम्बर माह की औसत बारिश 6.5 इंच मानी जाती है। इस माह बारिश के औसत 7 दिन होते है। हालांकि इंदौर को औसत बारिश का कोटा पूरा करने के लिए अभी सिर्फ 6 इंच की जरूरत है। इस बार खास यह कि पहले हफ्ते में तेज बारिश के संकेत हैं। अगर ऐसा होता है तो संभव है कि पहले हफ्ते में ही कोटा पूरा हो जाएगा। पिछले साल सितंबर में 20.3 इंच बारिश हुई थी शहर में बारिश के लिए जुलाई और अगस्त का महीना मुख्य रहता है, लेकिन भादौ यानी सितंबर 3 साल से जुलाई-अगस्त के मुकाबले अधिक पानीदार रहा है। 10 सालों में 2023 के सितंबर में सर्वाधिक 20.3 इंच पानी बरसा था। 2015 को छोड़ बाकी सालों के सितंबर भी रहे पानीदार 10 साल के सितंबर का रिकॉर्ड देखें तो पिछले साल 17 सितंबर को 24 घंटे में 5.6 इंच पानी बरसा था। वहीं 2015 को छोड़ दिया जाए तो बाकी के सालों के सितंबर में ऐसा भी हुआ है जब दिनभर में औसत 2 से 4 इंच तक भी बारिश 24 घंटे में हुई है। दशक में सर्वाधिक 24 घंटे की बारिश का रिकॉर्ड 2023 का ही है। ऐसा रहा रविवार का मौसम रविवार को सुबह से उमस और धूप निकल रही थी, लेकिन दोपहर 2 बजे से मौसम ने करवट लेना शुरू की। 4 बजे तक रफ्तार से चली हवा काले बादलों को अपने साथ ले आई। कई दिनों बाद फिर बादल गरजे और 20 किमी की रफ्तार से चली हवा के बीच जोरदार पानी बरसा। प्रमुख चौराहों पर जलजमाव और ट्रैफिक जाम की स्थिति भी बन गई। इसके अलावा शहर के कई निचले इलाके के घरों और दुकानों में पानी भर गया। शाम 7 बजे तक बारिश का दौर चलता रहा। अब कुल बारिश का आंकड़ा 30.2 इंच तक पहुंच गया है। अभी भी औसत बारिश तक पहुंचने के लिए 6 इंच बारिश की दरकार है। अब जानिए पूरे प्रदेश में बारिश के हाल मध्यप्रदेश में मानसून ट्रफ, साइक्लोनिक सर्कुलेशन और डीप डिप्रेशन की वजह से बारिश कराने वाला स्ट्रॉन्ग सिस्टम फिर एक्टिव हो गया है। सोमवार को बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खरगोन और देवास में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट है। यहां 24 घंटे में 8 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, इंदौर, उज्जैन समेत 22 जिलों में तेज बारिश होगी। इन जिलों में 24 घंटे में 4 इंच तक पानी गिरने का अनुमान जताया गया है। भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और बाकी जिलों में भी गरज-चमक के साथ पानी गिरने के आसार हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 3 दिन प्रदेश में तेज बारिश का दौर बना रहेगा। सीनियर मौसम वैज्ञानिक प्रकाश दावले ने बताया कि सितंबर में अच्छी बारिश होने का अनुमान है। स्ट्रॉन्ग सिस्टम का असर अगले 24 घंटे के दौरान ज्यादा रहेगा। रविवार को हुई बारिश और हालात की तस्वीरें… प्रदेश में सामान्य कोटा पूरा होने में 2.8 इंच पानी की जरूरत प्रदेश में अब तक 34.5 इंच बारिश हो चुकी है। यह सीजन के कोटे की 92% से अधिक है। 2.8 इंच पानी और गिरते ही प्रदेश में सामान्य बारिश का आंकड़ा भी पार हो जाएगा। मंडला में सबसे ज्यादा 47 इंच पानी गिर चुका है। सिवनी में आंकड़ा 45 इंच से अधिक है। रीवा में सबसे कम 23 इंच बारिश ही हुई है। प्रदेश के 10 जिलों में 40 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। मंडला में सबसे ज्यादा 47.19 इंच बारिश हुई है। सबसे ज्यादा बारिश वाले टॉप- 10 जिलों में मंडला के अलावा सिवनी, सीधी, डिंडौरी, श्योपुर, भोपाल, छिंदवाड़ा, रायसेन, नर्मदापुरम और सागर हैं। तवा बांध के 7 गेट खोले रविवार शाम से तवा बांध के 7 गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। भोपाल के केरवा डैम के 3 गेट खुले हैं। ये गेट ऑटोमेटिक हैं, गवर्निंग लेवल पर पानी आने पर अपने आप खुल जाते हैं। उज्जैन के गंभीर बांध के 2 गेट खोलना पड़े। इन जिलों में अब तक इतनी बारिश… अगले 3 दिन ऐसा रहेगा बारिश का दौर… एमपी के बड़े शहरों में सितंबर में बारिश का रिकॉर्ड