इंदौर को मेडिकल टूरिज्म का हब बनाने का एक्शन प्लान:देश के सभी मेडिकल टूरिज्म में इंदौर की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए तैयार करेंगे प्लान

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सांसद शंकर लालवानी ने 2030 तक इंदौर की जीडीपी दोगुना करने की योजना बनाई है। इसके लिए एक इकोसिस्टम डेवलप करने को लेकर उन्होंने सोमवार को डॉक्टरों, पैथोलॉजी सेंटर्स, होटल एसोसिएशन, ट्रेवल एसोसिएशन के साथ बैठक की। बैठक में देश में लगातार बढ़ रहे मेडिकल टूरिज़्म के पीछे कम लागत, बेहतरीन टेक्नोलॉजी, उच्च स्तरीय मेडिकल सुविधाएं और अच्छी इंटरनेशनल कनेक्टिविटी आदि बिंदु रहे। बैठक में विशेषज्ञों ने अंतरराष्ट्रीय एक्रिडेशन की सबसे पहली आवश्यकता जताई। साथ ही इंदौर के अस्पतालों द्वारा उच्चतम मानकों के पालन की व्यवस्था सुनिश्चित करने और स्पेशयलिटी तय करने पर जोर दिया। बताया गया कि इंदौर के आसपास स्थित ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर, मांडू और महेश्वर जैसे स्थल भी देश-विदेश के मरीजों के लिए मेडिकल टूरिज्म डेवलप करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। बैठक में विशेषज्ञों ने बताया कि बांग्लादेश, नेपाल, इंडोनेशिया समेत अफ्रीकी देशों समेत यूरोप, अमेरिका से भी मरीज इलाज करवाने के लिए भारत से उम्मीद करते हैं। बैठक में मरीजों के लिए 12 महीनों का मेडिकल वीज़ा, नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता, अच्छे डॉक्टर्स को अवसर देने समेत कई आवश्यकताओं पर चर्चा हुई। सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि विकसित राष्ट्र के लिए विकसित राज्यों और विकसित राज्य के लिए विकसित शहरों का होना आवश्यक है। इसके लिए इंदौर की जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य बनाया गया है।मेडिकल टूरिज्म एक ऐसा क्षेत्र है इसमें काफी संभावनाएं हैं। अर्थशास्त्री जयंतीलाल भंडारी ने कहा कि इंदौर के नागरिक 165 देशों में फैले हुए हैं। वे शुरुआती दौर में ब्रांड एम्बेसडर हो सकते हैं। मध्य प्रदेश प्राइवेट हॉस्पिटल्स एवं नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सुनील बाठिया ने कहा कि इंदौर को मिलकर मेडिकल टूरिज्म का हब बनाया जा सकता है।