दिन 19 मई 2024 दोपहर के करीब 2 बज रहे थे, जबलपुर के कांचघर के द्वारका नगर में रहने वाले मनोहर तोतलानी (71) के परिवार ने उन्हें इलाज के लिए पास के ही क्लीनिक में इलाज के लिए लेकर पहुंचे। इस दौरान मनोहर की तबीयत काफी बिगड़ी हुई थी। डॉक्टर ने भी बोला कि हालत बहुत खराब है उनका इलाज करना होगा। परिजनों ने कहा कि डॉक्टर साहब इलाज से ठीक कर दो। इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें एक के बाद एक तीन इंजेक्शन दिए और कहा कि अब इनकी तबीयत ठीक है। इलाज को हो गया है, दो हजार रुपए। परिवार वाले मनोहर को क्लीनिक के बाहर लेकर ही पहुंचे थे कि उनकी तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। परिवार वालों का मानना था मरीज जब पैरों में चलकर आया तो आखिर कुछ ही घंटों के दौरान उनकी कैसे मौत हो सकती है। जैसे-तैसे परिजन मनोहर को लेकर घर गए और उनका अंतिम संस्कार किया। अगले दिन पता चला कि जहां पर मनोहर का इलाज करवाया गया है वह फर्जी और झोलाछाप है, उसे इलाज का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं है।
मृत मरीज के परिजनों ने अंतिम संस्कार के बाद झोलाछाप डॉक्टर की जब जानकारी जुटाई तो पता चला कि उनका नाम फूलचंद विश्वकर्मा (65) है जो कि बीते दस सालों से चुंगी चौकी के पास क्लीनिक खोलकर मरीजों का इलाज कर रहे है। उनके अस्पताल में लोगों की भीड़ जमा रहती है, यही वजह है कि मरीजों की भीड़ लगी रहती है। मनोहर तोतलानी की 19 मई को इलाज के दौरान हुई मौत के बाद के उनके परिजनों ने मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर संजय मिश्रा को 21 मई को लिखित में शिकायत की और बताया कि चुंगी चौकी के पास एक डॉक्टर है जो कि क्लीनिक खोलकर मरीजों का इलाज करता है और बहुत ही कम फीस लेकर ठीक भी कर देता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि डॉक्टर फूलचंद विश्वकर्मा बीते 10 सालों से इलाज कर रहा है। हालांकि उसके पास होम्योपैथिक डिग्री जरूर है, पर वह हमेशा एलोपैथिक का इलाज करते हुए नजर आया है।
जानकारी के मुताबिक 19 मई को मनोहर तोतलानी के कमर में बहुत तेज दर्ज हुआ। उनके कमर में बालतोड़ नाम की बीमारी हो गई थी। परिवार वाले उनका कई जगह इलाज करवा चुके थे। पड़ोस में रहने वाले लोगों ने बताया कि चुंगी चौकी के पास डॉक्टर फूलचंद विश्वकर्मा का अस्पताल है, जो कि बहुत ही अच्छे डॉक्टर, इसके बाद परिवार वाले उसे इलाज के लिए क्लीनिक पहुंचे जहां होम्योपैथिक डॉक्टर ने उसका एलोपैथिक इलाज करते हुए कई तरह की दवाई दी। मनोहर तोतलानी शुगर का पेंसेट था, लिहाजा कुछ ही देर में उसकी हालत बिगड़ी और फिर मौत हो गई।
22 मई को मनोहर तोतलानी के परिवार वालों ने डॉक्टर फूलचंद विश्वकर्मा की घमापुर में शिकायत दर्ज करवाई और बताया कि उसकी लापरवाही से मनोहर की मौत हुई है। मनोहर के परिवार वालों ने मुख्य जिला एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर संजय मिश्रा को भी लिखित में शिकायत दी कि फर्जी डॉक्टर की लापरवाही से उनके परिजन की मौत हो गई। सीएमएचओ और एसडीएम के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग, राजस्व और पुलिस की टीम ने मौके पर छापा मारते हुए होम्योपैथिक डॉक्टर की क्लीनिक से कई तरह की एलोपैथिक दवाई और इंजेक्शन बरामद किए। हालांकि इस घटना के बाद से ही डॉक्टर फरार हो गया था।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घमापुर थाने में होम्योपैथिक डॉक्टर फूलचंद विश्वकर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई और बताया कि यह डॉक्टर जो इलाज कर रहा है वह गैरकानूनी है। इसके बाद जिला प्रशासन ने क्लीनिक को सील कर दिया और आरोपी डॉक्टर की तलाश शुरु कर दी। 19 मई से गायब डॉक्टर को तलाश करने के लिए कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना और एसपी आदित्य प्रताप सिंह के निर्देश पर पुलिस टीम लगातार उसे तलाश कर रही थी। इस दौरान थाना प्रभारी घमापुर को सूचना मिली की फरार फर्जी डाक्टर अपने परिवार वालों से मिलने के लिए रविवार की रात घर पहुंचा और कुछ ही देर बाद मुंबई जाने की फिराक में है। थाना प्रभारी सतीश अंधवान ने अपनी टीम के साथ डॉक्टर के घर चुंगी चौकी के पास घेराबंदी की और उसे गिरफ्तार किया।
पूछताछ के दौरान होम्योपैथिक डॉक्टर फूलचंद विश्वकर्मा ने बताया कि वह 30 साल से इस पेशे में है। पहले वह मंडला, डिंडोरी के ग्रामीण इलाकों में लोगों को इलाज करता था। 2014 से वह जबलपुर के घमापुर के पास चुंगी चौकी में आकर लोगों का इलाज करना शुरू कर दिया है। आरोपी डॉक्टर का कहना है कि आज तक कभी भी उसके इलाज से किसी की मौत नहीं हुई है, पर मनोहर तोतलानी शुगर का मरीज था। उसको ओवरडोज हो गया था, हो सकता है इस वजह से पेन किलर और शुगर की दवा का इंफेक्शन हो गया है, जिसके कारण उसकी मौत हो गई है। बहरहाल घमापुर थाना पुलिस आरोपी डॉक्टर से यह जानने की कोशिश कर रही है, इस से पहले उसने कहां-कहां और कैसे मरीजों का इलाज किया है। थाना प्रभारी सतीश अंधवान ने बताया कि 21 मई को 71 साल के मनोहर तोतलानी निवासी चुंगी चौकी की इलाज के दौरान के मौत हुई थी। परिवार वालों ने स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी कि द्वारका नगर में डॉक्टर फूलचंद विश्वकर्मा की जो क्लीनिक है वह फर्जी है। उनके पास एलोपैथिक डिग्री नहीं है, इसके बाद भी वह इलाज कर है है। 19 मई को गलत इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद से ही फूलचंद फरार था, जिसे कि रविवार की रात को उसके घर के पास से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह नागपुर से जबलपुर आया था, और अपने परिवार वालों से मिलने के बाद वापस भागने की फिराक में था।