भगवान महाकाल की शाही सवारी भादौ मास के दूसरे सोमवार को शाम 4 बजे मंदिर परिसर से शुरू होगी, जो शहर में सात किमी भ्रमण कर रात 10 बजे फिर मंदिर लौटेगी। सवारी में भगवान महाकाल छह स्वरूप में दर्शन देंगे। वहीं भगवान चंद्रमोलेश्वर की पालकी 15 वें क्रम पर रहेगी। सवारी के साथ सुरक्षा के अलावा पुलिस और प्रशासन के सामने दो चुनौतियां है, जिसमें पहली समय प्रबंधन और दूसरी भीड़ प्रबंधन। दोनो स्थिति पर मंथन के बाद प्रशासन की तैयारी है कि रात करीब 10 बजे तक सवारी फिर मंदिर में पहुंचा जाए। इसके लिए पालकी को कहीं भी रोका नहीं जाएगा। भजन मंडलियों को कही भी रुकने नही देंगे। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर से भगवान महाकाल की शाही सवारी सोमवार को सांय चार बजे सभा मंडप में पूजन अर्चन के बाद रवाना होगी। शाही सवारी का मार्ग करीब सात किलोमीटर लंबा रहेगा। बाबा महाकाल के स्वागत के लिए नगर में साज-सज्जा का काम शुरू हो गया है। सोमवार को सोमवती अमावस्या का संयोग होने से राजाधिराज की सवारी का उत्साह दोगुना हो गया है।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की मंशानुरूप जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के माध्यम से भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी में जनजातीय कलाकारों का दल भी सहभागिता कर रहा है। शाही सवारी के मौके पर 2 सितम्बर को मध्यप्रदेश के लालपुर, डिंडोरी जिले का आदिवासी धुलिया जनजाति गुदुम बाजा लोक नर्तक दल दिनेश कुमार भार्वे के नेतृत्व में पालकी के आगे भजन मंडलियों के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चलेगें। प्रशासन ने सवारी को रात 10 बजे तक मंदिर में पहुंचाने और दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ का प्रबंधन करने व सुरक्षा को लेकर पूरी तैयारी की है। सवारी के 15 वें क्रम पर रहेगी बाबा महाकाल की पालकी- शाही सवारी में सबसे आगे मंदिर का प्रचार वाहन, यातायात पुलिस, तोपची, चांदी का ध्वज, घुड़सवार, विशेष सशस्त्र बल, स्काउट, गाइड सदस्य, कांग्रेस सेवा दल, सेवा समिति बैंड के बाद 70 भजन मंडलियां, गणमान्य नागरिक व साधु-संत, पुलिस बैंड, नगर सेना सलामी गार्ड, मंदिर के पुजारी-पुरोहित गण, भगवान चंद्रमोलेश्वर की प्रमुख पालकी, भारत बैंड के साथ गरूड़ पर शिवतांडव, रमेश बैंड के साथ नंदी रथ पर उमा-महेश, गणेश बैंड के साथ रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारबिंद, आरके बैंड के साथ रथ पर घटाटोप मुखौटा, रथ पर सप्तधान मुखारबिंद, राजकमल बैंड के साथ हाथी पर मनमहेश स्वरूप के दर्शन होंगे। सवारी के अंतिम छोर पर एंबूलेंस, विद्युत मंडल का वाहन, फायर ब्रिगेड और पुलिस वाहन रहेगें। सवारी का मिनिट टू मिनिट कार्यक्रम- श्री महाकालेश्वर मंदिर में पूजन के बाद सांय 4 बजे सवारी रवाना होगी। मंदिर से सवारी 4.20 बजे कोट मोहल्ला, 4.30 बजे गुदरी चौराहा, 4.45 बजे बक्षी बाजार चौराहा, 5 बजे हरसिद्धि पाल, 5.15 बजे रामघाट पर पूजन, 6 बजे वापसी बंबई वाले की धर्मशाला, 6.30 बजे गणगौर दरवाजा, 7 बजे सत्यनारायण मंदिर, 7.30 बजे कमरी मार्ग, 7.45 बजे टंकी चौराहा, 8 बजे तेलीवाड़ा, 8.30 बजे कंठाल चौराहा, 9 बजे गोपाल मंदिर, 9.30 बजे गुदरी चौराहा, 9.45 बजे कोट मोहल्ला और रात 10 बजे मंदिर परिसर पहुंचेगी। सवारी पूजन के लिए आएंगे केंद्रीय मंत्री व प्रभारी मंत्री- भगवान महाकाल की शाही सवारी के मौके पर परंपरा से सिंधिया राजवंश के सदस्य भगवान महाकाल का पूजन करने आते है। सोमवार को शाही सवारी का पूजन करने के लिए केंद्रीय संचार मंत्री ज्योर्तिरादित्य सिंधिया सोमवार को सांय 5.10 बजे रामघाट पहुंचकर भगवान का पूजन अर्चन करेंगे। इसके बाद सिंधिया इंदौर के लिए रवाना हो जाएंगे। वहीं जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल सोमवार को दोपहर दो बजे सर्किट हाउस पहुंचेगे। बाद में वे केंद्रीय मंत्री सिंधिया के साथ रामघाट पर पूजन के मौके पर साथ रहेगें। प्रभारी मंत्री टेटवाल मंगलवार की सुबह भगवान महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने के बाद सुबह 7 बजे भोपाल के लिए रवाना होंगे। यहां मिलेगी स्वास्थ्य सेवाएं- श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर, मंदिर के निर्गम द्वार, मानसरोवर भवन, विश्राम धाम भस्मआरती गेट, श्री महाकाल महालोक, महाकाल थाना व बड़ा गणेश मंदिर के बीच, हरसिद्धी की पाल, हरसिद्धी मंदिर चौराहा, गंगा गार्डन नृसिंह घाट पार्किंग स्थल, चारधाम मंदिर पार्किंग स्थल, त्रिवेणी संग्रहालय पार्किंग स्थल, कर्कराज मंदिर के पास पार्किंग स्थल, गोपाल मंदिर परिसर, कोट मोहल्ला चौराहा, सेंट्रल कोतवाली कंठाल चौराहा, चैतन्य वीर हनुमान मंदिर के पास, गणगौर दरवाजा मोढ़ की धर्मशाला, सत्यनारायण मंदिर दानीगेट के अलावा एक टीम सवारी के साथ रहेगी। सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक स्वास्थ्य सेवाएं जारी रहेंगी। 12 बजे बाद यहां वाहन न ले जाएं सवारी मार्ग पर दोपहर 12 बजे से बल तैनात हो जाएगा। सवारी मार्ग पर वाहनों का प्रवेश रोका जाएगा। तीन बजे बाद बैरिकेड्स के भीतर भी आवाजाही बंद की जाएगी। श्रद्धालुओं से यह आग्रह: एक जगह खड़े रह कर दर्शन करें। पालकी पर नारियल, सिक्के, फल नही फेंके। आपात स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचना दें।