लॉकर सर्चिंग से पहले बाबू की पत्नी की तबीयत बिगड़ी:नोटिस भेजकर लोकायुक्त एसपी को बताया पत्नी बीमार है, अस्पताल में है, आगे की कार्रवाई से पहले मोहलत चाहिए

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लोकायुक्त पुलिस ने 23 अगस्त को भोपाल डेवलपमेंट अथॉरिटी (BDA) के बाबू को 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते ट्रैप कर लिया। आरोपी के घर होटल और पत्नी के ऑफिस में सर्चिंग के बाद 80 करोड़ रुपए तक की चल अचल संपत्ति होने की जानकारी कार्रवाई करने वाली टीम को मिल चुकी है। रिएंटल बैंक के ज्वाइंट अकाउंट जो सास और पत्नी के नाम है, के दस्तावेज सहित एक बैंक लॉकर होने के प्रमाण मिले। इस लॉकर की सर्चिंग पुलिस एक सप्ताह बाद भी नहीं कर सकी है। शुक्रवार को लोकायुक्त एसपी के नाम पर एक पत्र बाबू की ओर से भेजा गया है। इसमें पत्नी की बीमारी का हवाला देते हुए आगे की कार्रवाई के लिए एक सप्ताह का समय मांगा गया है। तारकचंद दास की ओर से भेजे इस पत्र में पत्नी को अस्पताल में भर्ती होना बताया है। लीज रिन्यू करने के नाम पर मांगी थी रिश्वत आरोपी सहायक ग्रेड-1 तारकचंद दास ने यह रकम रत्नागिरी प्रोजेक्ट में रहने वाले एक व्यक्ति से लीज रिन्यू करने के नाम पर मांगी थी। वह 3 लाख 35 हजार रुपए मांग रहा था। काफी मनाने के बाद पहली किस्त के 40 हजार रुपए शुक्रवार को लिए। घूस की रकम तारकचंद ने स्टाफ के सामने ही अपनी टेबल की दराज में रखवा दी। इसी दौरान लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। तारकचंद ने दफ्तर के सामने ही पत्नी मंदिरा दास के नाम से दुकान ले रखी है। रजिस्ट्री के सर्विस प्रोवाइडर का लाइसेंस भी है। BDA से प्रॉपर्टी खरीदने वालों पर दास का दबाव रहता है कि रजिस्ट्री यहीं से कराएं। फरियादी ने एसपी लोकायुक्त मनु व्यास के कार्यालय में शिकायत की थी। इस पर निरीक्षक नीलम पटवा की अगुवाई में टीम ने शुक्रवार को बीडीए के बाबू तारकचंद दास (58) को 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। तारकचंद पंचशील नगर में मकान नंबर 10 में रहता है। 6 महीने से परेशान कर रहा था बाबू शिकायतकर्ता अपने मकान के लीज नवीनीकरण के लिए पिछले 6 महीने से तारकचंद दास के चक्कर काट-काटकर परेशान था। आरोपी बिना रिश्वत लिए काम करने को राजी नहीं था। इससे तंग आकर उसने रिश्वत की रकम तय की और लोकायुक्त में शिकायत कर दी।
अवैध रजिस्ट्री मामले की भी होगी जांच होशंगाबाद रोड स्थित विद्या नगर में अनिल साखी के प्लॉट की रजिस्ट्री किसी अन्य व्यक्ति के करा लेने के मामले में 19 जून को क्राइम ब्रांच ने FIR दर्ज की है। इस मामले में BDA के सीनियर अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जाती है। फिलहाल कलेक्टोरेट में इसकी जांच चल रही है। लोकायुक्त पुलिस इस रजिस्ट्री में तारकचंद दास की भूमिका की भी जांच करेगी। BDA की राजस्व शाखा में खासतौर से लीज नवीनीकरण, नामांतरण, NoC के 300 से ज्यादा मामले पिछले छह महीने से पेंडिंग हैं। जिसके लिए लोग यहां चक्कर काटते रहते हैं।