मेट्रो:ट्रैफिक लोड का ध्यान ही नहीं रखा, लवकुश, विजय नगर पर फ्लायओवर-स्टेशन से होगा जाम

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शहर में मेट्रो के 28 स्टेशन बनना हैं। इनमें से करीब 10 स्टेशन चौराहों पर या उनके निकट बनने हैं। अधिकारी दावा कर रहे हैं कि शहर में अगले साल जून से 17 किमी के ट्रैक पर मेट्रो दौड़ने लगेगी। ऐसे में सबसे जरूरी बात यह है कि आखिर यह होगा कैसे‌? मेट्रो कॉर्पोरेशन का दावा है कि विजय नगर, आईएसबीटी, एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन को सब-वे और फुट ओवर ब्रिज के माध्यम से जोड़ा जाएगा। कई जगह मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन की योजना है। लेकिन इन मेट्रो स्टेशन के कारण चौराहों पर यात्रियों की आवाजाही और भविष्य में आने वाली ट्रैफिक की दिक्कतों को नजरअंदाज किया जा रहा है। गांधी नगर से रेडिसन तक ही 5 से ज्यादा स्टेशन मुख्य चौराहों के समीप बन रहे हैं। मंत्री के समक्ष हुई बैठक में महापौर पुष्यमित्र भार्गव और संगठनों ने भी चौराहों से हर दिन निकलने वाले 1.5 से 2 लाख वाहनों की मुश्किलों पर सवाल उठाए हैं। बांगड़दा, टीसीएस, खजराना, बंगाली मल्हारगंज, कालानी नगर चौराहों पर भी मुश्किल आएगी। लवकुश चौराहा: 2 फ्लायओवर के बीच स्टेशन से होगी परेशानी
इस चौराहे पर ग्रीन बेल्ट पर दो फ्लाय ओवर और बीच में मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित हैं। चौराहों पर दो फ्लाय ओवर के बीच में स्टेशन दिखने में सुंदर लग सकता है, लेकिन ट्रैफिक मूवमेंट की दृष्टि से यह कितना उचित है, यह देखना होगा। फ्लाय ओवर के ट्रैफिक में घुमाव आएगा और स्टेशन के कारण नीचे की जगह कम होगी। लवकुश पर तो 6 स्थानों से यात्रियों की आवाजाही होगी। विजय नगर चौराहा-भविष्य में ट्रैफिक उलझेगा यहां दो फुट ओवर ब्रिज बनाने की योजना है। तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सेठ और राजकुमार जैन के अनुसार विजय नगर चौराहे पर पीक अॉवर में 2.60 लाख वाहन प्रतिदिन गुजरते हैं। ऐसे में यहां वाहनों की गुत्थमगुत्था आम बात बन सकती है। उन्होंने मांग की है कि काॅर्पोरेशन स्टेशन के आसपास की ट्रैफिक प्लानिंग, पेसेंजर मूवमेंट प्लान और अन्य सर्वे जनता के सामने रखे। एंट्री-एग्जिट-3 ये परेशानियां आ सकती हैं
स्टेशन पर मेट्रो से यात्री उतरने के बाद घरों तक जाने के लिए अपने वाहन या अन्य लोक परिवहन लेंगे। इससे ट्रैफिक बाधित होगा।
चौराहों पर वाहनों की आवाजाही चलती रहेगी, पैदल यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। इससे भी ट्रैफिक में रुकावट आ सकती है।
इस तरह से करना होगा
लोक परिवहन सेवाओं के अन्य साधनों से उपलब्ध कनेक्शन व ट्रांजिट ओरिएंटेड ​डेवलपमेंट पॉलिसी की जरूरत है।
पैदल यात्री, सब-वे, फुटब्रिज और फीडर लिंक के साथ लोक परिवहन के लिए प्रतीक्षा क्षेत्र, निजी पार्किंग भी बनानी होगी। ​​​​​​​ प्लान पहले बताएंगे तो बेहतर होगा ^मेट्रो स्टेशन का पूरा प्लान जिसमें ट्रैफिक और पार्किंग की जानकारी यदि काॅर्पोरेशन ट्रैफिक पुलिस को पहले बता दे तो अच्छा रहेगा। ऐसे में कमी होने पर अभी से दूर कर सकेंगे। – अरविंद तिवारी, एसीपी, ट्रैफिक​​​​​​​