7 सितबंर से शुरू होने जा रहे गणेश उत्सव की तैयार जोर-शोर से शुरू हो गई है। हर बार की तरह इस बार भी बड़वानी जिला मुख्यालय पर गणेशोत्सव पर मूर्तियां तैयार की जा रही हैं। जिले में भी मूर्तिकार भगवान गणेश की प्रतिमाओं को बनाने में रात दिन जुटे हैं। हालांकि इस बार पिछले साल की अपेक्षा मूर्तियों के ऑर्डर कम मिले हैं और दामों में भी 20 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं जिले के आसपास की तहसीलों में मूर्ति बना रहे मूर्तिकार भी कम ऑर्डर मिलने से नाखुश हैं। इस साल 10 फीट की गणेश भगवान की मूर्ति में करीब 10 फीसदी से अधिक की कमी हुई है। वहीं जो मूर्ति पिछले साल 12,500 रुपए में ऑर्डर होती थी वो इस बार 15,000 रुपए में बुक हुई है। इस बार सबसे ज्यादा बुकिंग छोटी-छोटी मूर्तियों की हुई हैं। वहीं कुछ ही लोगों ने इस बार 6 फिट की मूर्ति का ऑर्डर दिया है। इन मूर्तियों की डिमांड इसलिए होती है कि पंडाल में इन्हें सहजता से ले जाया जा सके। हालांकि 6 फीट की मूर्ति की कीमत पिछले साल 6000 रुपए थी जो इस साल बढ़कर 8000 रुपए हो गई है। सामग्री के दाम बढ़ने से मूर्तियों के दाम भी बढ़ गए
जिला मुख्यालय में राजस्थान के उदयपुर से मूर्ति बनाने आए कलाकार पुराराम राठौड़ ने बताया कि मूर्तियों के दाम इसलिए भी बढ़ गए हैं, क्योंकि बाजार में सामग्री के दामों में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। मूर्तियों बनाने में लगने वाली रस्सी, मिट्टी, बोरी के दाम बाजार में बढ़ गए हैं। वहीं रस्सी कीमत लगभग 200 रुपए के आस पास पहुंच गई है। मिट्टी 3000 से 3500 रुपए ट्रॉली मिल रही है। मूर्ति बनाने में लगने वाली अन्य सामग्री के दाम भी बढ़ गए हैं। मूर्तिकार गोकुल गोले ने बताया कि 6 फीट की मूर्तियां ज्यादा बनाई जा रही है। लेकिन बुकिंग नहीं हो पा रही है। मूर्तिकारों ने अनेक रूपों में भगवान गणेश की मूर्तियां बनाई है। भगवान गणेश को मूषक, कमल, हाथी शंकर में विराजमान कर मूर्तियों को अंतिम रूप देने में कलाकार जुटे हुए हैं। मूर्तियों में अब कलर का काम बाकी है जो आज से शुरू किया गया है। बता दें कि इस बार बड़वानी जिले में कलाकारों में नाराजगी है। उनका कहना है कि पीओपी की मूर्ति सस्ती दरों में बनकर तैयार हो जाती है और मिट्टी की मूर्तियों में काफी खर्च होता है। मिट्टी की मूर्तियां जो 400 रुपए की मिलती है। वही पीओपी की मूर्ति 200 रुपए में मिल जाती है। मिट्टी और पीओपी में कोई फर्क नहीं है। मिट्टी जल्दी गलती है और पीओपी थोड़ी लेट गलती है। प्रशासन ने जो पीओपी पर रोक लगाई है। जब से धंधा पूरा ठप हो चुका है।