विदिशा में शनिवार को नगर पालिका परिषद की सामान्य सभा की बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें 12 प्रस्तावों पर चर्चा होना थी, जिसमें विभिन्न टैक्स को बढ़ाने के प्रस्ताव को विपक्ष के साथ-साथ सत्ताधारी दल के पार्षदों ने भी विरोध किया था। नगरपालिका की दुकानों के किराए में भी वृद्धि के विरोध में पूरा सदन एकमत था, उसके बावजूद नगर पालिका ने सभी आपत्तियों को दरकिनार कर करों में वृद्धि कर दी। दुकानों का किराया भी चार गुना बढ़ा दिया। जानकारी के अनुसार, 12 बिंदुओं में संपत्ति कर, जल कर, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कर और सीवेज कर भी शामिल हैं। इसके अलावा नगर पालिका के आधिपत्य की दुकानों का किराया चार गुना बढ़ाए जाने का प्रस्ताव पास हुआ। इन दोनों ही प्रस्तावों को लेकर कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों ने भी आपत्ति जताई। इसका विरोध किया और इसे लागू न करने की मांग की थी। इसी दौरान बैठक में पार्षद और पार्षद प्रतिनिधियों के बीच विवाद हो गया था, जिसके कारण माहौल गर्मा गया था और बैठक को स्थगित कर दिया गया था। इसके बावजूद नगर पालिका ने सभी 12 बिंदुओं के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए, सभी प्रकार के करो में वृद्धि कर दी गई। टैक्स लगाना आम जनता को बोझ तले दबाना
शासन की गाइडलाइन के अनुसार रजिस्ट्री के आधार पर संपत्ति कर लगेगा। जल कर को दोगुना कर दिया है। इसके साथ-साथ दुकानों के किराए को चार गुना बढ़ा दिया है। बैठक में आपत्ति करने वाले पार्षद आशीष माहेश्वरी और धर्मेंद्र यादव ने इसे नगर पालिका की मनमानी करार दिया। उन्होंने इसके खिलाफ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका आम जनता को सुविधा नहीं दे पा रही है। बावजूद टैक्स लगाना आम जनता को बोझ तले दबाना है। दुकानदारों को चार गुना ज्यादा किराया देना होगा
वहीं पूर्व एल्डरमैन रहे रमेश अग्रवाल का कहना है कि नगर पालिका के पार्षदों और परिषद से आम जनता को काफी उम्मीद थी। लेकिन उम्मीद पूरी तरह से निराश करने वाली रही है। सड़कें खुदी हुई हैं। विकास के नाम पर कोई ऐतिहासिक काम नहीं किया गया और उसी पर टैक्स बढ़ाया जाना जनता के साथ छलावा है। नगर पालिका सीएमओ अनिल विधूवा का कहना है कि सभी 12 प्रस्तावों पर पार्षदों ने हस्ताक्षर किए हैं। जल कर विदिशा के अलावा प्रदेश के अन्य जगहों पर कई गुना हैं। विदिशा में ही इसकी वृद्धि नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि संपत्ति कर अब रजिस्ट्री के आधार पर शासन की गाइडलाइन के अनुसार तय किया जाएगा। दुकानों के किराए में चार गुना वृद्धि की गई है।