नगरपालिका उपचुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट के बेटे आए सामने:बोले- अपनी मर्जी से फॉर्म वापस लिया; कांग्रेस के अगवा करने के आरोपों को बताया गलत

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गुना नगरपालिका के वार्ड क्रमांक 30 के उपचुनाव के लिए 11 सितंबर को मतदान होगा। कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा कांग्रेस को बिना बताए ही नाम वापस ले लिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उन्हे अगवा कर दिया है। अब उनके बेटे सामने आए हैं। उनका कहना है कि उनके पिता ने स्वेच्छा से नाम वापस लिया है और वे मौसी के यहां गए हैं। कांग्रेस कैंडिडेट हरिराम सहरिया के बेटे बृजराज सहरिया ने बताया कि उनके पिता का चुनाव लडने का मन नहीं था। कांग्रेस ने जबरजस्ती फॉर्म भरवाए। हमने भी कहा कि चुनाव नहीं लड़ना है। इसलिए पिता ने नामांकन वापस ले लिया। जहां तक कांग्रेस द्वारा अगवा करने का आरोप लगाने के मामला है, तो उनके बेटे ने बताया कि वह राजस्थान में मौसी के घर गए हुए हैं। रोज उनसे बात हो रही है। उधर, नगरपालिका अध्यक्ष पर कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए नपाध्यक्ष सविता आर्जिंड गुप्ता ने कहा कि गुना नगरपालिका के वार्ड क्रमांक 30 के उपचुनाव में खुद का प्रत्याशी न संभाल पाने वाली कांग्रेस अब भाजपा और नगरपालिका पर अनर्गल आरोप लगा रही है। समाचार पत्रों के माध्यम से यह जानकारी लगी है कि कांग्रेस ने प्रेस वार्ता कर उनके प्रत्याशी को गायब करने का आरोप भाजपा पर लगाया है। जबकि हकीकत ये है कि कांग्रेस की स्थिति यह है कि उन्हें कोई प्रत्याशी तक नहीं मिल रहा था। कांग्रेस ने जबरजस्ती हरिराम सहरिया को मेंडेट दिया, जबकि उनका चुनाव लड़ने का मन ही नहीं था। उन्होंने अपनी मर्जी से जा कर नामांकन वापस लिया है। उन पर किसी भी तरह का कोई दवाब नहीं डाला गया। नपाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी को अगवा किया, जबकि हकीकत ये है कि कांग्रेस ने जयस के निर्दलीय प्रत्याशी को कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के कार्यालय में जबरजस्ती रोक रखा था, ताकि वह भी कहीं स्वेच्छा से अपना नामांकन वापस न ले ले और चुनाव निर्विरोध हो जाए। वार्ड 30 में 90 लाख के काम हुए नगरपालिका अध्यक्ष ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष ने यह भी आरोप लगाया है कि वार्ड 30 में पहले कोई काम नहीं हुए। जबकि हकीकत यह है कि TIT कॉम्प्लेक्स से आदर्श कॉलोनी होते हुए रेलवे कॉलोनी तक की सड़क का डामरीकरण, अशोकनगर रोड से कैंची बीड़ी कारखाने से मुंशीपुरा, सैय्यद पुरा की सड़क का डामरीकरण इसी कार्यकाल में हुआ है। अशोकनगर रोड से कुक्कू सरदार के मकान से कालापाठा पुल तक की सीसी सड़क एवं नाला निर्माण कार्य, पंचमुखी कॉलोनी में सीसी रोड एवं नाला निर्माण कार्य भी इसी परिषद के कार्यकाल में हुआ है। इसके अलावा नाली एवं रोड के मेंटेनेंस कार्य 10 लाख की राशि से वार्ड क्रमांक 30 में कराए गए हैं। लगभग 90 लाख रुपए से अधिक के कार्य इस वार्ड में विगत दो वर्ष में हो चुके हैं। वर्तमान में सैयदपुरा में 8 लाख रुपए की राशि से सुलभ शौचालय का निर्माण कार्य चल रहा है, जिस पर कांग्रेस के पार्षद शेखर वशिष्ठ ने आपत्ति लगाई है कि निर्माण कार्य रोका जाए, वह कार्य पूर्व से ही चल रहा है। शिव कॉलोनी में सीसी निर्माण कार्य चल रहा है। पूर्व में ही स्ट्रीट लाइट के हंडे भी वार्ड में लगाए गए हैं व कई कार्य वार्ड में स्वीकृत हुए हैं, जो कि नगरपालिका की आचार संहिता समाप्त होने के बाद प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नपाध्यक्ष ने कहा कि नगरपालिका चुनाव में भाजपा का पार्षद 750 मतों से चुनाव जीता था। इसके पूर्व भी यह वार्ड भाजपा का है। भाजपा से ही पार्षद जीतते आए हैं। विगत लोकसभा चुनाव में भी पूरे 37 के 37 वार्ड नगरपालिका क्षेत्र से 55 हजार के रिकॉर्ड मतों से भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया जीते थे। विधानसभा चुनाव में भी वार्ड क्रमांक 30 से भाजपा चुनाव जीती थी। नगरपालिका की नई परिषद का गठन होने के बाद नगरीय क्षेत्र से कांग्रेस का सफाया होता जा रहा है और भाजपा निरंतर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्षद शेखर वशिष्ठ ने यह भी आरोप लगाया है कि भाजपा घबराई हुई है, जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा नहीं, कांग्रेस घबराई हुई है। शेखर वशिष्ठ लोकसभा चुनाव में अपने ही वार्ड की एक भी पोलिंग नहीं जिता पाए। उन्हे केवल मीडिया में आने और चर्चाओं में बने रहने की आदत पड़ चुकी है, इस कारण वह ये अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। यह उनकी बौखलाहट का ही नतीजा है कि वे मिथ्या आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस को प्रत्याशी मिल नहीं रहे हैं और आरोप दूसरों पर लगा रहे हैं। दूसरे वार्ड से उम्मीदवार जुगाड कर के लाए और प्रत्याशी बनाया। वह भी पहले ही मैदान छोड़ गया। इस उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी यहां से रिकॉर्ड मतों से विजयश्री प्राप्त करेंगे।