कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ हुई घिनौनी और शर्मनाक घटना के बाद डॉक्टरों और अस्पतालों की सुरक्षा को लेकर सरकारी संजीदगी बढ़ गई है। प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने इन्हीं कवायदों के तहत शनिवार को जिला अस्पताल और सतना मेडिकल कॉलेज के सुरक्षा इंतजामों की जांच की। शनिवार को देर रात एसडीएम नीरज खरे, सीएसपी महेंद्र सिंह तथा सिटी कोतवाली टीआई शंखधर द्विवेदी पुलिस बल के साथ अचानक जिला अस्पताल जा पहुंचे। उन्होंने सिविल सर्जन डॉ मनोज शुक्ला और आरएमओ डॉ शरद दुबे को साथ लिया और फिर अस्पताल के वार्डों में चले गए। उन्होंने अस्पताल की गैलरी और वार्डों में मिले लोगों से पूछताछ की। एक ही मरीज के साथ कई अटेंडेंट होने पर ऐतराज जताते हुए उन्हें हिदायत दी कि एक मरीज के साथ सिर्फ एक ही अटेंडेंट रह सकेगा। एसडीएम ने सिविल सर्जन से भी इस व्यवस्था का सख्ती से पालन कराने को कहा। एसडीएम और सीएसपी ने ओपीडी हॉल, इमरजेंसी और माइनर ओटी का भी मुआयना किया। सुरक्षा गार्डों से सवाल जवाब किए और भवन के बाहरी परिसर का भी भ्रमण किया। मेडिकल कॉलेज रोड में शराबखोरी करते मिले लोग जिला अस्पताल के साथ ही मेडिकल कॉलेज और वहां जाने वाले मार्ग पर भी शनिवार की पुलिस ने गश्त कर जांच की। इस दौरान मेडिकल कॉलेज जाने वाली सड़क पर कई लोग शराबखोरी करते मिले। पुलिस ने उनमें से कुछ को समझाइश दी और कुछ को सबक भी सिखाया। डीन ने लिखा था पत्र कोलकाता में हुई घटना के बाद सतना मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ शशिधर प्रसाद गर्ग ने एक पत्र लिख कर मेडिकल कॉलेज मार्ग पर सुरक्षा के लिहाज से इन्तजाम किए जाने की आवश्यकता जताई थी। उन्होंने पत्र में लिखा था कि मेडिकल कालेज मार्ग सुनसान जगह से होकर जाता है। मार्ग में प्रकाश भी पर्याप्त नहीं रहता। इसी मार्ग से मेडिकल कालेज से डॉक्टरों को ड्यूटी में जिला अस्पताल भी जाना होता है जिनमे महिला चिकित्सक भी शामिल हैं। ऐसे में अनहोनी का भय बना रहता है लिहाजा इस मार्ग पर नियमित पेट्रोलिंग किया जाना जरूरी है। देखें तस्वीरें…