अशोकनगर में संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों की सोयाबीन एवं मक्का की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी की मांग शुरू कर दी है। उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री के नाम पंचायत स्तर पर सचिवों को ज्ञापन देना शुरू कर दिया है। रविवार को पहले दिन बरखेड़ी सहित कई गांव में पंचायत सचिवों को ज्ञापन दिए गए। यह ज्ञापन अगले 7 दिन तक गांव-गांव में सचिवों को दिए जाएंगे और उनसे कृषि मंत्री को भेजने की भी मांग कर रहे हैं। उसके बाद जिला स्तरीय ज्ञापन होगा। सचिवों को दिए जा रहे ज्ञापन में बताया कि देश में 70 प्रतिशत आबादी किसानों की है। बीते कुछ समय से फसलों के दाम गिर रहे हैं जिसके कारण से खेती अब घाटे का सौदा होने लगा है। किसान की फसल जब व्यापारियों के पास पहुंच जाती है तो उस फसल के दाम अपने आप ही बढ़ जाते हैं। यह रखी मांगे
देश में सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी2+50% के आधार पर निर्धारित करें। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल एवं मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2 हजार 500 प्रति क्विंटल निर्धारित किया जाए। खरीफ फसलों की सरकारी खरीद के लिए पूरे देश में 1 अक्टूबर से कांटे लगवाए जाएं। देश में पाम तेल के आयात को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाए क्योंकि खाद्य तेल में पाम तेल मिलाकर जहां पूंजी पति तेल के कारोबार में मोटा मुनाफा कमा रहा है। वहीं देशवासी हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी के शिकार होकर अपनी जान से हाथ धो रहे हैं। साथ ही किसान को उसके द्वारा उत्पादित तिलहनी फसलों का उचित भाव भी नहीं मिल पा रहा है।