बीना के विकास से जुड़ी 13 मांगों के साथ कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में एंट्री लेने वाली बीना विधायक निर्मला सप्रे जल्द त्यागपत्र देने वाली हैं। इसके साथ ही उपचुनाव का बिगुल बज जाएगा। दलबदल से नाराज मतदाता उन्हें फिर अवसर दें, इसके लिए उन्होंने बिसात बिछा दी है। वे मुख्यमंत्री से बीना को जिला बनाने की घोषणा कराकर जनता का दिल जीतना चाहती हैं। विधानसभा हित से जुड़ी कुछ अन्य मांगें पूरी कराकर जनता को दोहरा तोहफा देने की तैयारी कर चुकी हैं। इन्हीं सब बिंदुओं पर निर्मला सप्रे से भास्कर ने विशेष चर्चा की। प्रस्तुत है विधायक से बातचीत के विशेष अंश- सवाल- क्या 4 सितंबर को मुख्यमंत्री सभा में बीना को जिला बनाने की घोषणा कर सकते हैं?
जवाब- अभी तक यह राज है। राज से पर्दा सीएम खुद आकर उठाएंगे। बस मैं इतना कह सकती हूं कि मुख्यमंत्री जनता को उनकी उम्मीद से ज्यादा देकर जाएंगे।
सवाल-क्या आपने बीना को जिला बनाने की मांग मुख्यमंत्री से की है?
जवाब- मेरी पहली मांग यही थी। मुख्यमंत्री के शब्द थे कि जिला व्यवस्थित बनना चाहिए, ताकि विकास कार्यों में असुविधा न हो। छोटे जिला होने से विकास प्रभावित होता है। बीना को जिला बनाने के लिए हम कमेटी बना रहे हैं। कमेटी की रिपोर्ट पर ही बीना को जिला बनाने के बारे में विचार किया गया होगा।
सवाल-आप कांग्रेस से त्यागपत्र कब तक देंगी?
जवाब- यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है, इसी प्रक्रिया के तहत हम सदन के अध्यक्ष को जल्द त्यागपत्र देंगे।
सवाल- सीएम जिले की घोषणा कर देते हैं तो आप कितने दिन बाद कांग्रेस से त्यागपत्र दे देंगी?
जवाब- मैं एक संवैधानिक पद पर हूं, यहां मंच से त्यागपत्र देने वाली बात नहीं है, इसके लिए संगठन स्तर पर तैयारी है। संवैधानिक व्यवस्था और नियम के तहत हम जल्द त्यागपत्र देंगे।
सवाल-त्यागपत्र देने के बाद आपको उपचुनाव का सामना करना पड़ेगा, इसकी क्या तैयारी है?
जवाब- यहां कांग्रेस जैसी व्यवस्था नहीं है, संगठन से लेकर बूथ स्तर तक हर कार्यकर्ता तैयारी करता है। भाजपा में प्रत्याशी नहीं पार्टी चुनाव लड़ती है और पार्टी की पूरी तैयारी है। सवाल-उपचुनाव में जनता को कैसे विश्वास दिलाएंगी कि खुद के स्वार्थ के लिए कांग्रेस नहीं छोड़ी?
जवाब- मैं पहले काम करूंगी, जनता से किए वादे पूरे करूंगी और पंचायत में करोड़ों के विकास कार्य करूंगी। मुख्यमंत्री की सभा के बाद करोड़ों के विकास कार्यों के भूमिपूजन कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। 500 करोड़ का रिंग रोड सहित कई करोड़ के विकास कार्य शुरू कराकर जनता के बीच वोट मांगने जाऊंगी।
सवाल-कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने के बदले क्या आपने मंत्री पद मांगा था, क्यों नहीं मिला?
जवाब- पहली बात मैंने मंत्री पद की कभी शर्त नहीं रखी। मंत्री पद के स्थान पर मैंने बीना के विकास की मांग रखी थी। इसमें बीना को जिला बनाने की मांग भी शामिल थी। मैंने साफ कहा था, आप हमारी मांगें पूरी कर दीजिए, यही मेरे लिए मंत्री पद है।
सवाल- खुरई के लोग खुरई को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं, ऐसे में तालमेल कैसे बैठ पाएगा?
जवाब- हर नागरिक अपने शहर की बेहतरी की मांग करता है, यह लोगों का अधिकार भी है लेकिन लोगों को यह देखना चाहिए कि जो हम मांग कर रहे हैं वह उचित है या अनुचित। भौगोलिक, औद्योगिक, राजस्व, क्षेत्रफल, यातायात की सुविधा सहित अन्य मामले में बीना जिला के पैमाने पर खरा उतरता है, इसलिए लोगों को समर्थन में आना चाहिए।
सवाल- बीना को जिला बनाने के अलावा आपकी मुख्यमंत्री से और क्या मांगें हैं?
जवाब- मूलभूत विकास के साथ मैंने पेट्रोकेमिकल से संबंधित औद्योगिक पार्क, कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र और पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने की मांग रखी है। इससे बीना के युवा यहीं पढ़ाई करके यहीं रोजगार पा सकते हैं।
सवाल- कांग्रेस आपको बिकाऊ कहकर जनता के बीच जा रही है, सामना कैसे करेंगी?
जवाब- जनता जागरूक है, सब जानती है। हमारे आने से न तो कोई सरकार गिरनी थी न बननी थी। भाजपा के पास बहुमत से ज्यादा विधायक हैं। ऐसी स्थिति में भाजपा को किसी को खरीदने की क्या आवश्यकता? उल्टे मैं पांच साल आराम से विधायक रहते समय बिता सकती थी, लेकिन विकास नहीं हो पाता। जनता के हित को देखते हुए ही मैंने दल बदला है।
सवाल- आपके भाजपा में आने के बाद पार्टी का एक गुट स्वीकार नहीं कर रहा है, उन्हें कैसे मनाएंगी?
जवाब- भाजपा एक परिवार है, सभी ने मुझे स्वीकार किया है। मैं भी उनके सम्मान में कोई कमी नहीं रखती। कुछ लोग ऐसे हैं जो पार्टी से टिकट मांग रहे हैं, उनकी नाराजगी मैं मान सकती हूं, लेकिन टिकट होने के बाद सभी मिलकर काम करेंगे।