मध्य प्रदेश के 50 हजार से अधिक लिपिक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एमपी द्विवेदी संभागवार बैठकें कर रहे हैं। बैठकों का दौर जुलाई में रीवा से शुरू हुआ और रविवार को इंदौर में बैठक आयोजित की गई, जिसमें उज्जैन संभाग के लिपिक शामिल हुए। यहां अध्यक्ष द्विवेदी ने कहा कि हमारी मांगें सालों से लंबित हैं पर कोई सुनने वाला नहीं है। जब तक शक्ति नहीं दिखाएंगे, हमें हक नहीं मिलेगा। उन्होंने लिपिकों से कहा कि संभागवार बैठकें होने के बाद भोपाल में बैठक करेंगे, जहां हड़ताल का निर्णय लिया जाएगा। आप सब हड़ताल के लिए पूरी तरह से तैयार रहें और हड़ताल हो तो ऐसी कि सरकार लिपिकों की शक्ति देख ले। द्विवेदी ने कहा कि वर्ष 2016 के बाद विभागाध्यक्ष कार्यालय और मंत्रालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 को मिलने वाली ग्रेड-पे में अंतर आ गया है। मंत्रालय का सहायक ग्रेड-3 दूसरा वेतनमान मिलने पर 3600 रुपए ग्रेड-पे का हकदार हो जाता है, जबकि विभागाध्यक्ष कार्यालय के सहायक ग्रेड-3 को 2800 रुपए ग्रेड-पे दिया जा रहा है। ऐसा ही तीसरा समयमान वेतनमान मिलने पर मंत्रालय के लिपिकी को 4200 और विभागाध्यक्ष कार्यालय के लिपिक को 3200 रुपए ग्रेड-पे दिया जा रहा है। विभागाध्यक्ष कार्यालयों में पदस्थ लिपिकों को हर माह नुकसान हो रहा है। वे करीब 8 साल से इसमें सुधार की मांग कर रहे हैं, कई आंदोलन भी किए, पर सरकार ने नहीं सुनी। विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले भी लिपिकों ने यह मांग उठाई थी। अब चुनाव संपन्न हो चुके हैं। लिपिक अपनी मांगों को लेकर टकराव के लिए तैयार हैं।