अब अस्थमा का लाइफ सेविंग इंजेक्शन निकला घटिया:पूरे प्रदेश में उपयोग पर लगा बैन; एक हफ्ते में पांच ड्रग टेस्ट में फेल

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पिछले एक हफ्ते से लाइफ सेविंग दवाइयों की क्वालिटी घटिया पाए जाने पर संबंधित ड्रग की बैच नं. के लॉट पर प्रदेशभर में बैन लगाया गया है। इसी कड़ी में अब अस्थमा के इलाज में इस्तेमाल होने वाला Aminophylline Injection खराब क्वालिटी का निकला। इसके चलते प्रदेशभर में इसके उपयोग पर बैन लगाया गया है। ड्रग की खराब क्वालिटी को लेकर चिंता बढ़ने लगी है। मामले में चिकित्सा महासंघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। दरअसल Aminophylline फेफडों और अस्थमा के इलाज के लिए जरूरी इंजेक्शन है। इस मामले में 30 अगस्त को देवास के एसोसिएट सुपरिनटैंडैंट ने मप्र पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन लि. (MPPHSCL) को पत्र लिखकर शिकायत की थी। इसमें बताया कि मे. मार्टिन एण्ड ब्राउन बायो साइंस द्वारा सप्लाई की गई Aminophylline 25 mg/IP Injection 10 ml vial की बैच नं. MA23F66, Mfg Date 06/2023 और Exp. 05/2025 के सैंपल भोपाल लैब में टेस्ट करवाए गए थे। जांच में यह घटिया क्वालिटी के निकले। इसके साथ ही भोपाल लैब की जांच रिपोर्ट भी भेजी। इस पर MPPHSCL ने प्रदेश के सभी डीन, सुपरिनटैंडैंट, सीएमएचओ, सिविल सर्जन को पत्र लिखकर इनसे उपयोग पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया। इसके साथ ही आदेश दिया कि यदि अधीनस्थ अस्पतालों को भी इस बैच के इंजेक्शन सप्लाई किए गए हैं तो उन्हें भी तत्काल प्रभाव से रोकें। इसके चलते प्रदेशभर में इस बैच का इंजेक्शन बैन कर दिया गया। इंदौर में भी उपयोग बंद कर दिया है। इसके दो दिन पहले ओआरएस पाउडर और कैल्शियम विद विटामिन डी-3 के सैंपल फेल होने के कारण उन पर बैन किया गया था। MPPHSCL ने कैल्शियम विद विटामिन डी-3 यूएसपी कैल्शियम कार्बोनेचट 1.25 ग्राम के बैच नं. LMT-240628 को घटिया पाया था। ऐसे ही ORS WHO पाउडर ग्लूकोज एनहायड्रोस 13.5 ग्राम, सोडियम क्लोराइड, ट्राई सोडियम साइट्रेट पाउडर के बैच नं. Z-40927 के उपयोग न करने के निर्देश दिए थे। 28 अगस्त को धार के सीएमएचओ ने पत्र लिखा था। इसमें एम जेनिथ ड्रग लि. द्वारा सप्लाई किए गए पा‌‌‌वडर ग्लूकोज, सोडियम क्लोराइड, पोटेशियम क्लोराइड, ट्राई सोडियम साइट्रेट की भोपाल लैब से जांच करवाई थी। इंदौर में पिछले दिनों एमजीएम कॉलेज ने 9 इंजेक्शन को लेकर शिकायत की थी जिस पर बैन लगाया गया था। इसमें गुजरात और हिमाचल की दो कंपनियों के ड्रग्स घटिया क्वालिटी के निकले थे। मरीजों की जान से खिलवाड़ मामले में मध्य प्रदेश शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर संबंधित कंपनियों के कर्ताधर्ताओं पर एफआईआर दर्ज कराने के साथ उच्च स्तरीय मांग की है। संघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने बताया कि जीवन रक्षक दवाओं का अमानक पाया जाना मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ है।