सिंहस्थ मेला क्षेत्र को अवैध निर्माण व अतिक्रमणों से मुक्त करवाकर सुरक्षित रखना अफसरों के लिए चुनौती है। अब मेले की तैयारियों को लेकर चर्चाएं होने लगी हैं तो इन अतिक्रमणों को लेकर अफसरों की जिम्मेदारी और बढ़ गई हैं। लिहाजा अब मेला क्षेत्र के नए अवैध निर्माण व अतिक्रमण चिह्नित हो रहे हैं। इससे पहले सूची में 427 अवैध निर्माण व अतिक्रमण तो हैं ही। यानी नए और जुड़ने पर ये आंकड़ा बढ़ने की आशंका हैं। अब माना यह जा रहा है कि प्रशासन कभी भी इन अवैध निर्माण व अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर सकता है। हाल ही में टीएल मीटिंग में कलेक्टर नीरजकुमार सिंह ने सिंहस्थ क्षेत्र के अतिक्रमण चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। इधर, नगर निगम की टीम ने महीनों पहले से सिंहस्थ मेला क्षेत्र में 427 अवैध निर्माण व अतिक्रमण चिह्नित कर रखे हैं। इनमें से जोन एक के तहत करीब 350 और जोन तीन के तहत 77 अवैध निर्माण व अतिक्रमण हैं। निगम की तरफ से इन्हें नोटिस भी जारी किए गए हैं लेकिन इन्हें हटाने की ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। इन तमाम परिस्थितियों के बीच मेला क्षेत्र में कुछ और नए अवैध निर्माण व अतिक्रमण हुए होंगे। इसी को ध्यान में रखकर इन्हें भी चिह्नित करवाया जा रहा है। हर बार सिंहस्थ में मेला क्षेत्र का होता है विस्तार 12 साल के अंतराल में आयोजित होने वाले सिंहस्थ मेले के लिए हर बार ज्यादा जमीन की जरूरत पड़ती है। इसकी आपूर्ति करना जिम्मेदारों के लिए बड़ी चुनौती रहता है। ऐसे में पूर्व से जो मेला क्षेत्र आरक्षित है, उसे तो सुरक्षित रखना ही होगा। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2004 में 2154 हेक्टेयर क्षेत्र में मेला लगा था। वर्ष 2016 में 3061 हेक्टेयर क्षेत्र में मेला आयोजित हुआ था। जाहिर है कि वर्ष 2028 में मेले के लिए और ज्यादा जमीन चाहिएगी ही। ऐसे में मेला क्षेत्र के अवैध निर्माण व अतिक्रमण हटाना जरूरी हो जाता है। नए अवैध निर्माण व अतिक्रमण सूची में जुड़ेंगे ^सिंहस्थ मेला क्षेत्र के अवैध निर्माण व अतिक्रमण पूर्व से चिह्नित हैं। जो भी नए हुए होंगे, वे भी सूची में जुड़ जाएंगे। हमारी टीम लगातार मेला क्षेत्र पर नजर रखे हुए हैं। जगदीश मालवीय, प्रभारी कार्यपालन यंत्री व भवन अधिकारी, ननि