कलेक्टर-एसपी ने जिला अस्पताल का किया निरीक्षण:सीसीटीवी कैमरे और प्रकाश व्यवस्थाओं के अलावा अन्य सुविधाओं की ली जानकारी

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शुक्रवार की देर रात कलेक्टर मृणाल मीणा और एसपी नगेंद्र सिंह ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। आकस्मिक रूप से दोनों अधिकारियों ने आकस्मिक चिकित्सा केंद्र से निरीक्षण की शुरुआत करते हुए सबसे पहले सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की विस्तार से जानकारी ली। जिला अस्पताल के आरएमओ ने बताया कि सभी परिसरों में अलग अलग रूप से एलईडी के माध्यम से सीसीटीवी कैमरों का आउटपुट लेकर निगरानी की जा रही है। आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था भवन में 14 कैमरों और 12 अन्य कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है। कलेक्टर मीणा ने सिविल सर्जन और आरएमओ को एक स्थान पर सभी परिसरों के सीसीटीवी कैमरों का कंट्रोल रूम बनाकर बड़े स्क्रीन के माध्यम से निगरानी करने के निर्देश दिए है। साथ ही सभी कैमरों की रिकार्डिंग का डेटा संधारण की भी समुचित व्यवस्था करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल के सभी भवनों के चप्पे-चप्पे का क्षेत्र देखा जा सके ऐसे स्थानों पर कैमरे लगाएं। दोनों ही अधिकारियों ने सर्जिकल, आर्थोपेडिक, पौषण पुनर्वास केंद्र, शौचालय तथा महिला वार्ड का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जिला अस्पताल प्रबंधन की जानकारियां हासिल की। दरअसल, मध्यप्रदेश शासन के आदेशानुसार जिले में संचालित जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा की दृष्टि से समिति का गठन किया गया है। समितियां दो तरह की बनाई गई है। एक स्वास्थ्य संस्था सुरक्षा समिति और दूसरी संस्थागत हिंसा रोकथाम समिति का गठन किया गया है। इन केंद्रों में स्वास्थ्य सुरक्षा के अतिरिक्त हिंसा रोकथाम की बागडोर की बागडोर संभालने के लिए विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। जिसमें जिला अस्पताल के लिए बनी स्वास्थ्य संस्था समिति में प्रशानिक अधिकारी के रूप में कलेक्टर मृणाल मीणा, एसपी नगेंद्र सिंह, सीएमओ निशांत श्रीवास्तव और कार्यपालन यंत्री बीएस अड़में के अलावा अन्य चिकित्सकीय अधिकारियों में सीएमएचओ डॉ. मनोज पांडे, सिविल सर्जन डॉ. निलय जैन वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गीता बारमाटे और वरिष्ठ मेट्रन श्रीमती जयवंता तांडी को शामिल किया गया है। इसी तरह वारासिवनी, बैहर और लांजी के सिविल अस्पतालों में प्रशासनिक अधिकारियों में संबंधित क्षेत्र के एसडीएम, एसडीओपी, सीएमओ व सहायक यंत्री पीडब्ल्यूडी को शामिल किया गया है। साथ ही वरिष्ठ चिकित्सक, अधिकारी और कर्मचारियों में सीएमएचओ, प्रभारी चिकित्सक, महिला चिकित्सक व वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी को शामिल किया गया है। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपायली, खैरलांजी, लालबर्रा, कटंगी, किरनापुर, लामता, परसवाड़ा व बिरसा में तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अधिनस्थ प्रसव केंद्र में प्रशासनिक अधिकारियों के रूप में संबंधित एसडीएम, एसडीओपी और जपं सीईओ, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अधीनस्थ प्रसव केंद्र में संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार, थाना प्रभारी, ग्राम सचिव और उपयंत्री पीडब्ल्यूडी को शामिल किया गया है। इसके साथ ही संस्थागत हिंसा रोकथाम समिति गठन के मद्दे नजर जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की अध्यक्षता सीएमएचओ डॉ. मनोज पांडेय करेंगे। वहीं समिति के अन्य सदस्यों में वरिष्ठ चिकित्सकीय अधिकारी और कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है।