संस्कृत दिवस के मौके पर बाल निकेतन संघ विद्यालय परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा संस्कृत में श्लोक, गुरू स्त्रोत, गीत, वेद पाठ ज्योर्तिलिंग, राम स्तुति,राष्ट्र गीत, नाटक, नृत्य नाटिका, राष्ट्रीय चिन्ह पर सुंदर प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में म. प्र. हिंदी साहित्य समिति इंदौर के उपसभापति, सूर्यकांत नागर, लेखक अरविंद जवलेकर, डॉ. नीलिमा अदमणे, स्कूल प्राचार्य संदीप धाकड़ मौजूद रहे। इस अवसर पर संस्कृत का महत्त्व समझाते हुए लेखक एवं म. प्र. हिंदी साहित्य समिति इंदौर के उपसभापति, सूर्यकांत नागर ने कहा “संस्कृत सीखे बिना हम अपने उस साहित्य को नहीं जान सकते, जो ऋषि मुनि और तपस्वी धरोहर के रूप में छोड़ गए हैं। इस भाषा को बोलने, सीखने से उच्चारण शुद्ध और प्रभावी होता है। हमें अपनी भाषा और अपनी संस्कृति पर अधिक जोर देना चाहिए, और बच्चों को बचपन से ही संस्कृत का अध्ययन शुरू करना चाहिए। भाषा के प्रति हमें बच्चों में लगन जगाना जरूरी है और आने वाले समय में संस्कृत को भी हिंदी जैसे ही शिक्षा में उचित स्थान प्राप्त होना चाहिए।” बाल निकेतन संघ की सचिव डॉ. नीलिमा अदमणे ने कहा कि संस्कृत सभी भारतीय भाषाओं का मूल है, हमारी संस्कृति की जड़ें भी वहीं से निकलती है। कार्यक्रम का संचालन वर्षा दुबे ने किया जबकि आभार अंजलि सिंह ने माना।