दमोह जिला अस्पताल से गुरुवार शाम करीब 4 बजे चोरी हुई 4 दिन की नवजात को पुलिस ने 7 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद खोज निकाला। इस नवजात को दमोह के जटाशंकर कॉलोनी में रहने वाली एक महिला ने चोरी किया था। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर बच्ची को उसकी असली मां के पास पहुंचा दिया है। इधर आरोपी महिला दावा कर कर रही है कि बच्ची उसकी है और वो पूजा-पाठ और मन्नतों के बाद पैदा हुई है। आरोपी महिला को खोजने के लिए पुलिस ने शहर के करीब 150 सीसीटीवी कैमरे खंगाले और तब जाकर करीब 2 घंटे बाद महिला का सही फुटेज पुलिस के हाथ लगा। इसके बाद पुलिस ने उस रूट पर सर्चिंग शुरू की जहां से महिला बच्चे को लेकर भागी थी। छानबीन करते हुए पुलिस डॉ. चंदा जैन निजी नर्सिंग होम पहुंची और वहां के फुटेज देखने के बाद ये स्पष्ट हो गया कि महिला बच्ची को लेकर यहां आई थी और यहां से अपने कुछ परिजनों के साथ ऑटो में बैठकर भाग गई। पुलिस ने जब ऑटो चालक को पकड़कर पूछताछ की तो कहानी सामने आ गई। पहले जाने क्या हुआ था घटनाक्रम गुरुवार शाम करीब जिला अस्पताल के शिशु वार्ड से किसी ने पथरिया के उमराव गांव निवासी वर्षा आदिवासी की की बच्ची को चोरी कर लिया। इस समय महिला सो रही थी। जैसे ही उसकी नींद खुली तो वह हैरत में पड़ गई। उसने अपने पति रुद्र आदिवासी को बताया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन तक इस मामले की जानकारी पहुंची प्रबंधन ने तत्काल कोतवाली पुलिस को सूचित कर दिया। पीड़ित महिला ने एक महिला पर जताया संदेह पीड़ित वर्षा आदिवासी ने बताया पुलिस को बताया कि उसके कमरे में एक महिला पहुंची थी जो काफी देर उससे बात करती रही। उसे महिला ने काली साड़ी पहनी हुई थी। इस दौरान मेरी नींद लग गई और जब नींद खुली तो वहां पर न वो महिला थी और ना ही मेरी बच्ची। आसपास के लोगों से महिला के बारे में पूछा तो किसी ने भी उसे अपना परिचित नहीं बताया। पुलिस ने महिला को अस्पताल के कंट्रोल रूम में बिठाया और सभी सीसीटीवी फुटेज दिखाने शुरू किये। करीब 2 घंटे बाद एक फुटेज मिला जिसे देखकर पीड़ित महिला ने बताया कि ये वहीं महिला है जो मेरा मेरी बेटी को चोरी करके भागी है। फुटेज में महिला का चेहरा स्पष्ट नहीं था लेकिन वह एक बच्चे को लेकर अस्पताल की गेट से बैंक चौराहे की तरफ जाते दिखी। पुलिस ने जिला अस्पताल चौराहे से बैंक चौराहा जाने वाले मार्ग के अनेक सीसीटीवी फुटेजों को खंगालना शुरू किया। पुलिस की 7 घंटे की मेहनत लाई रंग बच्ची चोरी होने के बाद की सूचना मिलते ही पुलिस सक्रिय हो गई थी। फुटेज खंगालते हुए पुलिस जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ राकेश राय के सिविल वार्ड में मौजूद घर तक पहुंची। यहां तक वह महिला बच्चों को अपने गोद में लिए आते दिखाई दी थी, लेकिन इसके आगे के सीसीटीवी कैमरे में वह नहीं दिख रही थी। डॉ राय के घर के पीछे ही डॉक्टर चंदा जैन का क्लीनिक है, जिसे उनके बेटे और बहू संचालित करते हैं। पुलिस वहां पहुंची और सीसीटीवी फुटेज देखे, तो वह महिला उस बच्ची के साथ दिखाई दी और कुछ ही देर बाद उसने मेडिकल से एक दूध का पैकेट लिया और अपने कुछ परिचितों के साथ ऑटो में बैठकर वहां से भाग निकली। पुलिस उस ऑटो चालक लक्ष्मण रजक को खोजते हुए जटाशंकर कॉलोनी पहुंची। उससे पूछताछ ते बाद महिला तक पहुंच गई। इस मामले में दोनों महिलाओं दावा कर रहीं थी कि बच्ची मेरी है, लेकिन कई ऐसे सबूत मिले जिसके बाद बच्ची अपनी असली मां के पास पहुंच गई। पड़ोसी ऑटो चालक बोला- मुझसे कहां बेटी हुई है लेने चलना है चोरी की आरोपी महिला लक्ष्मी सेन के पड़ोस में रहने वाले ऑटो चालक लक्ष्मण रजक ने बताया कि वह सो रहा था। लक्ष्मी सेन का एक परिचित आया, उसने कहा मौसी के यहां बेटी हुई है उसे लेने चलना है मैं ऑटो लेकर नर्सिंग होम पहुंच गया। मैं ऑटो से नहीं उतरा। ये लोग आए और मैंने उन्हें लाकर घर छोड़ दिया। बता दें, कि महिला ऑटो चालक के पड़ोस में ही रहती है और नरसिंहगढ़ की रहने वाली है। बच्ची को लेकर दोनों महिलाओं के दावे बच्ची की असली मां वर्षा आदिवासी को जैसे ही पुलिस ने बच्ची सौंपी, वो उसे देखते ही खुश हो गई उसने कहा ये मेरी बेटी ही है। वर्षा ने बताया कि 26 अगस्त को पथरिया में उसका प्रसव हुआ था, जहां डॉक्टर ने उसकी बेटी के पैर में ड्रिप लगाने के लिए पट्टी बंधी थी, जो अभी बंधी हुई है। बेटी के हाथ में सुई लगाकर खून निकला था उस सुई का निशान यहां है और बच्ची को इंफेक्शन हुआ था तो उसके चेहरे पर ये लाल दाने थे जो अभी भी है। इसके अलावा मेरी बेटी की फोटो देखकर भी आप पहचान सकते हैं कि यह मेरी बेटी। महिला ने बताया कि प्रसव के 2 दिन बाद 28 अगस्त को मेरी बेटी का स्वास्थ्य बिगड़ रहा था इसलिए पथरिया से जिला अस्पताल रेफर किया गया था। आरोपी महिला का भी दावा जिस महिला पर बच्ची चोरी करने का आरोप लगा है वह भी अपने दावा कर रही थी। उसने कहा कि गुरुवार दोपहर 3:25 पर मैंने जिला अस्पताल में बेटी को जन्म दिया है। इसके पहले मेरे दो बच्चे नहीं बचे। मेरी ये बेटी पूजा पाठ और बंधेज के बाद हुई है। सब कुछ ठीक था इसलिए जिला अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसके बाद मैं चंदा जैन क्लिनिक पहुंची, जहां उसका चैकअप हुआ सब कुछ ठीक था तो उन्होंने कहा इसे घर ले जाओ। मेरी बेटी देवी मां के आशीर्वाद से हुई है, इसलिए उसे ज्यादा देर छुआछूत में नहीं रख सकते थे इसलिए मैंने ऑटो बुलाया और बच्ची को लेकर घर आ गई। जब महिला से कहा कि आप पर इस बच्ची की चोरी का आरोप है, तो उसने कहा जैसी जांच करनी है कर लो, लेकिन यह बच्ची मेरी है। वहीं जिला अस्पताल के दस्तावेज खंगालने पर आरोपी महिला के वहां भर्ती होने के कोई प्रूफ नहीं मिला। क्लीनिक के डॉक्टर बोले- महिला अस्पताल के अंदर नहीं आई, बहार से ही चली गई क्लीनिक संचालक डॉक्टर अनुज जैन ने बताया कि फुटेज में देखने के बाद में पता चला है कि महिला यहां बच्चे को लेकर आई थी, लेकिन उसने अस्पताल में किसी से बात नहीं की। उसके साथ में कुछ लोग थे। महिला ने यहां मेडिकल से एक दूध का पैकेट खरीदा और फिर सभी लोग ऑटो में बैठकर चले गए। एसपी ने कहा- जरूरत पड़ी तो डीएनए भी कराएंगे रात करीब 12 बजे चोरी हुई बच्ची को जिला अस्पताल लाया गया। दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि रात में आरोपी महिला को पूछताछ के लिए अस्पताल लाया था। लेकिन वहां उसका स्वास्थ्य बिगड़ गया इसलिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। महिला के खिलाफ धारा 363 के तहत अपराध अपराध दर्ज किया है। मिली जानकारी में सामने आया है कि करीब 2 माह पहले इस महिला के पति की मौत हो गई थी। इस समय महिला गर्भवती थी और प्रसव के दौरान करीब 15 दिन पहले उसके बच्चे की भी मौत हो गई। वहीं आरोपी महिला के दावे पर एसपी ने कहा कि कई तरीकों से इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि महिला ने उस बच्ची को चोरी किया था। जिस मां की बेटी चोरी हुई थी उसने भी पुष्टि कर दी है। सीसीटीवी फुटेज में भी वह महिला उस बच्ची को लेकर भागते हुए साफ तौर पर नजर आ चुकी है। अब दोनों महिलाओं के बयान भी दर्ज किया जा रहे हैं जिससे और सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा और यदि इसके बाद भी कहीं कोई विवाद की स्थिति निर्मित होती है तो फिर डीएनए टेस्ट भी करा सकते हैं। कलेक्टर बोले- अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर करेंगे दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर भी जिला अस्पताल पहुंच गए थे। उन्होंने मीडिया से कहा कि बच्ची का जन्म पथरिया में हुआ था फीवर होने पर उसे जिला अस्पताल लाया गया था। बच्ची चोरी की होने की घटना बहुत बड़ी थी, लेकिन पुलिस के प्रयास से बच्ची उसकी मां के पास पहुंच गई है। परिवार संतुष्ट है और बच्ची भी स्वस्थ है, लेकिन यह गंभीर मामला है, इसलिए अस्पताल की बेहतर सुरक्षा के लिए अब कुछ नए प्रबंध किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यहां की सिक्योरिटी व्यवस्था बेहतर की जाएगी, सीसीटीवी कैमरे को दुरुस्त किया जाएगा और पूरे परिसर में पर्याप्त लाइट की व्यवस्था की जाएगी।