चावल की कालाबाजारी को लेकर प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं। कार्रवाई को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। अधिकारियों ने कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में अपील की बात कही है। कार्रवाई को काफी बढ़ा-चढ़ा कर बताया गया था। कहा गया था कि अनाज रेहड़ी वालों से खरीदकर उसे बियर और वाइन फैक्ट्री वालों को बेचते हैं लेकिन आरोपियों को कोर्ट से राहत मिल गई है। जानिए क्या है पूरा मामला। हाईकोर्ट ने ये ऑर्डर किया है चावल की कालाबाजारी को लेकर इंदौर हाईकोर्ट ने एक ऑर्डर किया है, जिसमें आरोपी के खिलाफ कलेक्टर के आदेश को रद्द कर दिया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के जांच प्रतिवेदन के बाद कलेक्टर ने सतीश अग्रवाल, राम प्रसाद गुप्ता और सतीश अग्रवाल के बेटे सक्षम को 6 महीने की जेल के ऑर्डर किए थे। आरोपी जेल भेजे गए। आरोपी सतीश अग्रवाल के वकील मुदित माहेश्वरी ने बताया कि कलेक्टर के ऑर्डर को आरोपियों ने इंदौर हाईकोर्ट में चैलेंज किया। जिसे कोर्ट ने ऑर्डर को रद्द कर दिया है। तीन कारणों से हाईकोर्ट ने पलटा कलेक्टर का फैसला इस तरह से बताई थी खरीदी-बिक्री की पूरी चेन