स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के गलत निर्णयों के कारण परेशान शिक्षकों ने गुरुवार को भोपाल में सांकेतिक धरना दिया, जिसमें प्रदेशभर से शिक्षक शामिल हुए। यहां शिक्षकों ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों के गलत निर्णयों के कारण प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर रही है। ये अधिकारी किसी की सुन नहीं रहे हैं और आईएएस भी इनकी हां में हां मिला रहे हैं। धरने पर बैठे शासकीय शिक्षक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राकेश दुबे कहते हैं कि सरकार की नीति और निर्णय कर्मचारियों के हित में हैं, पर समय-समय पर अधिकारी ऐसे फैसले करते हैं कि कर्मचारी दुखी हो जाते हैं और उन्हें सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ता है। ऐसे ही हालात अभी बनाए गए हैं। उच्च पद का प्रभार, अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल ही रही थी कि अतिशेष शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी। अधिकारियों को इतना भी समझ नहीं आया कि तीनों प्रक्रियाएं एक-दूसरे की पूरक हैं। जिन्हें एक साथ नहीं चलाया जा सकता है। संगठन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र कौशल कहते हैं कि खाली पदों पर अतिथि शिक्षक रखे जा रहे हैं। एक तरफ उच्च पद का प्रभार दिया जा रहा है और दूसरी तरफ अतिशेष शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब एक शिक्षक दूसरे पद पर जाएगा, तो पहला पद खाली हो जाएगा, उस पर क्या होगा? अधिकारियों को ही समझ नहीं आ रहा है और यह पूरी प्रक्रिया उस समय की जा रही है, जब बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि नवंबर-दिसंबर में हॉफ बोर्ड परीक्षा शुरू हो जाएंगी। कौशल ने कहा कि अफसर एक योजना का क्रियान्वयन समयसीमा में पूर्ण नहीं करा पाते और अन्य योजना शुरू कर दी जाती हैं। नित नए प्रयोग शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर रहे हैं। एक वर्ष से अधिक समय के बाद भी उच्च पद प्रभार की कार्यवाही पूर्ण नहीं हो सकी। ऐसे में अतिशेष शिक्षकों का विसंगतिपूर्ण समायोजन प्रदेशभर में लागू कर दिया गया। मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री ने अफसरशाही पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया, तो पूरे प्रदेश के शिक्षकों के आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है। धरने को कर्मचारी नेता जितेन्द्र सिंह, राजकुमार चंदेल, जितेन्द्र शाक्य, राजेश साहू, रागिनी सैनी, नितेश नागर, शिबा खान, अशोक मालवीय, भरत गोयल सहित अनेक पदाधिकारियों ने संबोधित कर अफसरशाही की हठधर्मिता पर आक्रोश व्यक्त किया और सरकार से मांग की कि शिक्षकों की जायज मांगों का समयसीमा में निराकरण किया जाए। धरने के बाद मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री के नाम संगठन की मांगों का ज्ञापन पुलिस प्रशासन को सौंपा गया। कार्यक्रम का संचालन संभाग अध्यक्ष कमल बैरागी ने किया। शिक्षकों की प्रमुख मांगें ….