भोपाल के कस्तूरबा नगर में एक्सीडेंट के बाद घायल युवक को सिटी हॉस्पिटल में पहुंचाया गया। जहां अस्पताल प्रबंधन ने उसकी हालत नाजुक देखते हुए हमीदिया ले जाने की सलाह दी। इस पर लोग तत्काल इलाज देने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। अस्पताल के गार्ड ने समझाइश का प्रयास किया तो झूमाझटकी कर दी। इधर, लोगों का कहना था कि अस्पताल की ओर से किसी भी इमरजेंसी की हालत में इलाज नहीं दिया जाता। इससे पहले भी ऐसा ही किया जा चुका है। लोगों ने समय पर इलाज न मिलने के कारण सड़क हादसे में घायल युवक की मौत होने का दावा किया है। हालांकि पुलिस ने फिलहाल मौत की पुष्टि नहीं की है। मौके पर भारी पुलिस बल पहुंच चुका है। भीड़ को तितर-बितर कर मामले जांच की जा रही है। हंगामे के दौरान फायर किए जाने के भी दावे किए जा रहे हैं। हालांकि पुलिस ने फायरिंग की बात की भी पुष्टि नहीं की है। ऑल्टो कार ने मारी टक्कर गोविंदपुरा पुलिस के मुताबिक अन्ना नगर निवासी 20 वर्षीय राकेश चौधरी पुत्र इमरत चौधरी, प्राइवेट काम करता था। ड्यूटी से घर लौटते समय शुक्रवार की रात को करीब 9:30 बजे तेज रफ्तार ऑल्टो कार ने उसकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। सिर में गंभीर चोट आने के बाद वह मौके पर ही बेसुध हो चुका था। राहगीरों ने उसे अस्पताल पहुंचाया। जहां मौजूद स्टाफ ने उसे इलाज देने से इनकार कर दिया। हमीदिया ले जाने की सलाह देने पर भड़की भीड़ अस्पताल की ओर से उसे हमीदिया रेफर करने की सलाह भी दी गई, इसी बात पर लोग आक्रोशित हुए और हंगामा कर दिया। अस्पताल गार्ड, स्टाफ और हंगामा कर रहे लोग आमने सामने हो गए। इसके बाद विवाद के हालत बने और लोगों ने पत्थर बाजी कर दी। अस्पताल की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची है। हंगामा कर रही भीड़ को खदेड़ दिया गया है। पुलिस ने शुरू की जांच पुलिस मामले की जांच की बात कह रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। पुलिस की मौजूदगी में लोगों ने अस्पताल स्टॉफ की ओर से फायरिंग के आरोप लगाए। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने पत्थर मारने, स्टाफ से बदसलूकी, झूमाझटकी और मारपीट कर अस्पताल में घुसकर देहशत फैलाने के आरोप लगाए हैं।