ग्वालियर पुलिस ने वाहन चोरी करने वाले एक नाबालिग चोर को पकड़ने में सफलता हासिल की है, पकड़ा गया चोर इतना शातिर है कि वह पलक झपकते ही सड़क घर के बाहर खड़े वाहनों को चोरी कर ले जाता था। पुलिस ने चोर के एक साथी को भी गिरफ्तार किया है, पुलिस ने दोनों चोरों को फूल बाग चौराहे के पास से पकड़ा है। पुलिस ने पकड़े गए चोरों से दो एक्टिवा व एक बाइक बरामद की है। पुलिस अब पकड़े गए चोरों से पूछताछ कर शहर में हुई अन्य बाइक चोरी की घटनाओं के बारे में पूछताछ करने में जुट गई है, पुलिस अफसरों का मानना है कि पूछताछ करने पर पकड़े गए चोरों से शहर में हुई अन्य चोरी की घटनाओं के बारे में कई अहम जानकारी हाथ आ सकती है। मामले की जानकारी देते हुए पड़ाव थाना प्रभारी इला टण्डन ने बताया कि कुछ दिनों से फूलबाग व उसके आस-पास के क्षेत्रों से बाइक चोरी की घटनाएं हो रही थीं। जिसे रोकने के लिए पुलिस को सादा बर्दी में तैनात किया गया था। बीते रोज प्रधान आरक्षक पूरन सिंह व संजीव घनघोरिया को लगाया गया था। यह आने जाने वालों के साथ ही अभिषेक यहां पर आ जा रहे लोगों की निगरानी कर रहे थे, तभी एक छोटा सा बच्या आया और एक एक्टिवा पर बैठ गया, उसे बैठे कुछ ही सेकंड हुए थे कि तभी उसने उसका लॉक खोला और स्टार्ट कर जाने लगा। गाड़ी रखने वाले को प्रधान आरक्षकों ने देखा था, तो तुरंत ही उसका पोछा कर कुछ ही दूरी पर दबोच लिया। पूछताछ की तो दंग रह गई पुलिस पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो पता वला कि वह बाड़क चोरी कर अपने दोस्त अभिषेक रावत पुत्र अनंत का निवासी गंजी वाला मोहल्ला को देता है और अभिषेक उन्हें ठिकाने लगाता है। इसका पता चलते ही पुलिस ने अभिषेक के घर पर तलाश की, लेकिन वह नहीं मिता, पुलिस उसके संभावित स्थानों पर पहुंची और उसे दबोच लिया। उनसे हुई पूछताछ में पता चला कि नाबालिग चोरी करने में एवासपर्ट है और कुछ ही सेकंड में बाइक व स्कूटी का ताला तोड़ देता है। इसके बाद उसका साथी अभिषेक चोरी की गई गाड़ियों को ठिकाने लगाने का काम करता है। मोनी बाबा मंदिर के पास छिपाए थे वाहन पुलिस ने उनसे पूछताछ कर दो चोरी के वाहन मानी बाबा मंदिर कैंसर पहाड़िया के पास से बरामद किए हैं। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि चोरी किए गए वाहनों को गली मोहल्ले में खड़ा करने पर पकडे जाने का खतरा नहीं रहता और किसी की नजर में भी नहीं आते हैं। जहां पर वाहन खड़ा करते हैं, वहां पर लोग एक-दूसरे का वाहन समझ कर ध्यान नहीं देते हैं। अन्य चोरी की वारदातों का हो सकता है खुलासा अफसरों का मानना है कि पकड़े गए चोरों से पूछताछ के बाद कुछ अन्य घटनाओं का खुलासा हो सकता है. साथ ही चोरी के वाहन खरीदने और बेचने वाले रैकेट का खुलासा भी हो सकता है।