आगरा सहित यूपी के चार जिलों के फुटवियर, चमड़ा, कांच, ऑटो पार्ट्स सहित कई अन्य सेग्मेंट कारोबारी ग्वालियर-चंबल अंचल में आने को तैयार हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि आगरा में ताज महल की सुरक्षा व संरक्षण के लिए बनाए गए ताज ट्रैपेजियम जोन (टीटीजेड) में ताजमहल से 120 किमी के एरिया को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है। इसकी जद में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद व एटा के बड़े इंडस्ट्रीज एरिया शामिल हो गए हैं। फिरोजाबाद के कांच और चूड़ी के उद्योग भी ग्वालियर शिफ्ट हो सकते हैं। आगरा के उद्योगपतियों ने बुधवार को ग्वालियर में हुई रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इन लोगों की बात सुनने के बाद एमपीआईडीसी के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है कि वे उप्र और मप्र के उद्योग विभाग में उद्योगपतियों की बात करें। साथ ही रिपोर्ट देकर बताएं कि एमपीआईडीसी ने क्या क्या कार्रवाई की। ग्वालियर में सब्सिडी और रोड कनेक्टिविटी का फायदा {मप्र सरकार निवेशकों को उद्योगों पर श्रेणीवार सब्सिडी दे रही है। बीते दिनों प्रदेश के उद्योगपतियों के खाते में डीबीटी से सब्सिडी भेजी गई है। {ग्वालियर से आगरा के लिए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का काम जल्द शुरू होगा। इससे आगरा-ग्वालियर की दूरी 88 किमी रह जाएगी। पुराने 4 लेन हाइवे के साथ एक्सप्रेस वे से रोड कनेक्टिविटी का लाभ उद्योगों को मिलेगा। {उद्योग इकाईयों को लेकर कोई सख्त गाइडलाइन नहीं है। जिससे किसी चुनौती का सामना करना पड़े। इंडस्ट्रियल एरिया घनी आबादी में नहीं हैं। निवेश की रिपोर्ट तैयार करेंगे ^ग्वालियर कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री ने आगरा के उद्योगपतियों को अंचल में इंडस्ट्रीज लगाने का प्रस्ताव दिया है। साथ ही एमपीआईडीसी को उनसे कॉर्डिनेशन की जिम्मेदारी दी है। साथ ही हम निवेश को लेकर रिपोर्ट भी तैयार करके देंगे।
– हिमांशु गौतम, मैनेजर/ एमपीआईडीसी मुख्यालय भोपाल हम इंडस्ट्री शिफ्ट करने तैयार ^ताजमहल के लिए बने टीटी जोन के बाद से आगरा व आसपास के 120 किमी क्षेत्र में उद्योगों चलाना मुश्किल हो गया है। हम अपनी इंडस्ट्रीज ग्वालियर अंचल शिफ्ट करने के लिए तैयार हैं। इसके लिए एमपी के सीएम से चर्चा हो गई है।
– विजय गुप्ता, अध्यक्ष/ लघु उद्योग भारती संघ आगरा