KRK के खिलाफ दो केस फाइल कर चुके मनोज वाजपेयी:इंदौर कोर्ट में एक भी तारीख पर नहीं आए, तीन साल पुराने केस में अभी तक चार्ज ही फ्रेम नहीं

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मनोज वाजपेयी और फिल्म क्रिटिक केआरके (कमाल राशिद खान) के बीच चल रही कानूनी लड़ाई बढ़ती जा रही है। केआरके ने एक और ट्वीट कर मामले को गरमा दिया है। मनोज वाजपेयी नेकेआरके पर दो केस लगाए हैं। केआरके ने दूसरे केस के संबंध में ट्वीट किया है, जबकि पहले केस को लगाए 3 साल हो गए है। अभी तक केआरके के खिलाफ चार्ज ही फ्रेम नहीं हो पाया है। इसके पीछे केआरके का कोर्ट से अनुपस्थित रहना सबसे बड़ा कारण है। बता दें कि केआरके को 1 साल पहले इंदौर जिला कोर्ट ने हाजिर होने के निर्देश दिए थे। ऑर्डर के बाद सुनवाई के लिए 16 बार तारीख लग चुकी है। केआरके सिर्फ एक बार जमानत कराने के लिए आए थे उसके बाद से एक बार भी इंदौर कोर्ट में किसी भी तारीख/सुनवाई पर नहीं आए। इस वजह से केस अटका हुआ है। वहीं मनोज वाजपेयी की हर फिल्म के पहले और रिलीज के बाद केआरके वीडियो या ट्वीट कर बवाल कर रहे हैं। मनोज वाजपेयी भी केआरके के ट्वीट और वीडियो से परेशान हो गए हैं। उनकी तरफ से कोई ट्वीट या वीडियो जारी नहीं किया गया है। कानूनी तरीके से ही मनोज केआरके को जवाब दे रहे हैं। सिविल सूट के जवाब में केआरके ने की पोस्ट मनोज वाजपेयी की तरफ से जो सिविल सूट लगाया गया है, उस संबंध में केआरके ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट की है। जिसमें लिखा है कि सुनो बे, …जैसी शकल वाले मनोज वाजपेयी, इसकी (कोर्ट नोटिस) बत्ती बना और…उखाड़ क्या उखाड़ना…तेरा बाप हूं मैं…। पोस्ट के साथ केआरके ने इंदौर कोर्ट का वो नोटिस (समंस की कॉपी) भी लगाया है, जो 30 मई 2024 को इंदौर जिला कोर्ट से जारी हुआ है, जिसमें 24 जुलाई 2024 को उन्हें पेश होने के लिए कहा गया था। लेकिन केआरके कोर्ट में पेश नहीं हुए। अगली तारीख केस में 4 सितंबर लगी है। समंस की कॉपी पोस्ट कर केआरके ने कोर्ट से एक तरह से कहा है कि आपको जो करना है करो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। आप मुझे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते हो। जानिए 3 महीने पहले क्यों लगाया केआरके पर सिविल सूट मई 2024 में मनोज वाजपेयी की मूवी भैया जी रिलीज हुई थी। मूवी रिलीज होने के पहले केआरके ने यू-ट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया था। 24 मई को जब मूवी रिलीज हुई तो फिल्म का रिव्यू डालते हुए केआरके ने एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें मनोज वाजपेयी के खिलाफ अपशब्द यूज किए। नशेड़ी, गंजेड़ी, चरसी कहा। जबकि केआरके के खिलाफ पहले से क्रिमिनल केस पेंडिंग है। उसमें लगातार हर तारीख पर बहाना बनाकर केआरके अनुपस्थित रहते हैं। क्रिमिनल केस में कुल 25 से 30 बार तारीख लग चुकी है। लेकिन आज तक चार्ज ही फ्रेम नहीं होने दिया है। ऐसी परिस्थिति में केआरके की मंशा साफ दिख रही है कि किसी भी प्रकार से मनोज वाजपेयी की मानहानि करते रहना है। उन्हें नुकसान पहुंचाते रहने है। प्रतिष्ठा को धूमिल करते रहना है। कोर्ट को भी एड्रेस कर दिया है कि आप भी मेरा कोई नुकसान नहीं कर सकते और ये (अपशब्द कहना) मैं करता रहूंगा। इसलिए लगा था केआरके पर पहला केस 4 जुलाई 2021 में मनोज वाजपेयी और हंसल मेहता के बारे में केआरके ने एक ट्वीट किया था। जिसमें कहा था कि माय रिव्यू ऑफ हंसल एंड मनोज इज कमिंग सून…दे डिजर्व इट…पीपुल प्लीज यूज हैडफोन टू हियर इट…। तब मनोज वाजपेयी की फिल्म फैमिली मैन टू रिलीज हुई। फिर 26 जुलाई 2021 को केआरके ने एक ट्वीट किया, जिसमें मनोज वाजपेयी को नशेड़ी, गंजेड़ी, चरसी कहा। फैमिली मैन टू के बारे में लिखा कि ये अश्लील वेब सीरीज है। उसे नहीं देखा जाना चाहिए। इस तरह मनोज वाजपेयी की मानहानि की। तब इंदौर जिला कोर्ट में केआरके के खिलाफ क्रिमिनल केस लगाया गया। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने खारिज की केआरके की याचिका क्रिमिनल केस रजिस्टर्ड होने के बाद केआरके ने इंदौर हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई। जिसमें कहा कि ये केस यहां पर चल ही नहीं सकता है। ये सिर्फ मुंबई में ही चल सकता है। कोर्ट ने याचिका खारिज की और कहा कि केस यहां भी चल सकता है। फिर केआरके ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई और कहा कि केस को मुंबई ट्रांसफर कर दिया जाए। उस याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। केआरके की तरफ से कोर्ट में बार-बार तारीख पर तारीख ली गई। इसके बाद केआरके ने इंदौर कोर्ट पहुंचकर जमानत करवाई। 23 अप्रैल 2022 को जमानत करवाई गई। कोर्ट से मनोज वाजपेयी के वकील ने 10 मई 2023 को निवेदन किया कि केआरके लगातार कोर्ट को अवॉइड कर रहे हैं। तब कोर्ट ने केआरके के खिलाफ स्पेसिफिक ऑर्डर दिया। जिसमें 5 जुलाई 2023 को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए। लेकिन इसके बावजूद केआरके की तरफ से अभी तक कोर्ट के समक्ष उपस्थिति दर्ज नहीं करवाई गई है। पिछली 16 पेशी से केआरके कोर्ट में अनुपस्थित है। कभी काम तो कभी बीमारी का बहाना हर पेशी पर केआरके की तरफ से ये बहाना बनाया जाता है कि वो इंदौर शहर से बाहर रहते हैं। किसी आवश्यक काम के कारण कोर्ट आने में असमर्थ है। इसके अलावा कभी बीमारी का कारण भी कोर्ट को बताया जाता है। इस वजह से केस में प्रोसिडिंग रुकी हुई है। जब तक केआरके आएंगे नहीं चार्ज नहीं लगेगा। कोर्ट आने के लिए ऑर्डर दे चुकी है। उसकी भी अवमानना केआरके ने की है। अब यदि दोबारा कोर्ट ऑर्डर देती है तो केआरके को आना पड़ेगा।