शाजापुर में शोहदा, करबला की याद में मोहर्रम पर्व अंतर्गत शहर में चालीसवां (चहल्लुम) मनाया गया। जिसके तहत बुधवार देर रात एशिया के सबसे बड़े दुलदुल बड़े साहब का जुलूस निकाला गया। बुधवार रात 11 बजे एशिया के सबसे बड़े दुलदुल बड़े साहब को सराफा बाजार स्थित अपने इमाम बाड़े से निकाला गया। इस दौरान तंग गलियों से दुलदुल को निकालने व देखने वालों की भीड़ लगी रही। इसके बाद छोटा चौक में बड़े साहब को मुकाम दिया। जहां देर शाम से सेहरा चढ़ाने वालों की भीड़ लगी है। शहर में चालीसवां पर्व बड़े साहब का जुलूस निकालकर मनाने की परंपरा वर्षों पुरानी है। जुलूस में आसपास क्षेत्र के सैकड़ों लोग शामिल हुए। मोहर्रम कमेटी सदर इमरान खान खरखरे ने बताया रात्रि 11 बजे के लगभग छोटा चौक से एशिया के सबसे बड़े दुलदुल बड़े साहब का जुलूस शुरू हुआ। जुलूस सिंधी मार्केट होता हुआ आजाद चौक पहुंचा। यहां से जुलूस मीरकलां, बजाजखाना, पिंजारवाड़ी, किला रोड होता हुआ, फिर छोटे चौक अपने स्थान सुबह 5 बजे पहुंचा। सभी बड़े साहब की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखाई दे रहे थे। जिसको जहां से जगह मिली बड़े साहब को निहारा और मन्नतें मांगी। बड़े साहब के जुलूस निकलने से पहले शाम से ही बड़े साहब को सेहरा चढ़ाने के लिए हुजूम रहा। बाबा को छोटे चौक में जुलूस के लिए सजाया गया। जहां अनेक लोग मौजूद रहे।