ग्वालियर में बुधवार (28 अगस्त) को हुई “रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव’ में आए उद्योगपतियों ने ग्वालियर-चंबल में निवेश का खजाना खोल दिया। कॉन्क्लेव में आठ हजार करोड़ निवेश के प्रस्ताव आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा खास “चंबल की बीहड़’ में रिलायंस बायो एनर्जी ग्रुप का रूचि दिखाना है। चंबल की जिन “बीहड़’ में डकैत, बागी पनपते थे और बीहड़ नाम सुनते ही आम इंसान दहशत में आ जाता है अब समय के साथ-साथ चंबल की यही “बीहड़’ सोना उगलने वाली है और विकास की नई गाथा लिखने वाली है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में आए रिलायंस बायो एनर्जी के वाइस प्रेसीडेंट विवेक तनेजा ने भिंड से ग्वालियर के बीच “बीहड़’ में संभावनाएं देखी हैं। इस पर मध्यप्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने उनको “बीहड़’ में प्रोजेक्ट लगाने में जितनी जमीन की जरुरत है उसको देने का तत्काल आश्वासन दिया है। यदि यह प्रस्ताव जमीनी पटल पर उतर आता है तो चंबल की जो “बीहड़’ अभी तक डकैत, बागियों को जन्म देती थी वह अब विकास की गाथा लिखेगी।
“बीहड़’ में बायो एजनीं प्लांट लगा सकता है रिलायंस
जिस तरह की संभावनाएं रिलायंस बायो एजर्नी के वाइस प्रेसीडेंट विवेके तनेजा ने चंबल की “बीहड़’ को लेकर जताई हैं उससे सरकार को आशा है कि रिलायंस भिंड से ग्वालियर के बीच चंबल की “बीहड़’ में बायो एनर्जी प्लान में निवेश कर सकता है। रिलायंस ग्रुप की ओर से “बीहड़’ में संभावनाओं के बाद सीएम मध्य प्रदेश डॉ. मोहन यादव से लेकर ग्वालियर-चंबल के जनप्रतिनिधि के साथ-साथ आम लोग भी काफी खुश है। यदि ऐसा हो जाता है तो इससे ग्वालियर-चंबल अंचल में विकास की नई गाथा लिखी जाएगी।
शिवपुरी में अड़ानी ग्रुप लगाएगा “डिफेंस यूनिट’
चंबल की “बीहड़’ के बाद खुशी का दूसरा मौका देश के दूसरे सबसे बड़े ग्रुप अडानी पोर्टस के एमडी करन अडानी ग्वालियर अंचल के शिवपुरी, गुना व बदरवास में 3500 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव रखा है। इसमें से 2500 करोड़ से शिवपुरी में लगने वाली “डिफेंस यूनिट’ खास है। यहां अड़ानी ग्रुप ने “प्रोपेलेंड’ प्रोडक्ट की यूनिट लगाने की बात कही है। जिससे पांच हजार रोजगार के अवसर भी निकलेंगे। इसके साथ ही गुना में सीमेंट यूनिट और बदरवास में जैकेट प्रोजेक्ट में निवेश का प्रस्ताव रखा है।
क्या होता है “प्रोपेलेंड’?, शिवपुरी में ही निवेश क्यों
अडानी पोटर्स ग्रुप के एमडी ने डिफेंस यूनिट मतलब रक्षा उत्पाद (प्रोपेलेंड) में निवेश के लिए शिवपुरी का ही चुनाव क्यों किया है। चलिए पहले यह समझते हैं कि यह “प्रोपेलेंड’ क्या होता है। “प्रोपेलेंड’ मतलब नोदक यह वे रासायनिक पदार्थ हैं, जो ऊर्जा या दाबित गैस पैदा करने के लिये प्रयुक्त होते हैं। “प्रोपेलेंड’ से प्राप्त ऊर्जा या दाबित गैस का उपयोग किसी यान, प्रक्षेप्य, या अन्य वस्तु को आगे बढाने में होता है। पेट्रोल, जेट ईंधन, रॉकेट ईंधन और ऑक्सीकारक आदि सामान्य “प्रोपेलेंड’ हैं। “प्रोपेलेंड’ के जलाने से अथवा इनका विघटन करने से “प्रोपेलेंड’ गैस पैदा होती है। कुछ अन्य नोदक द्रव होते हैं जिनको तेजी से वाष्पीकृत करने से नोदन प्राप्त होता है। यही कारण है कि शिवपुरी में प्रॉपेलेंट उत्पादन इकाई भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान साबित होगी। इस इकाई का उद्देश्य भारत को रक्षा उत्पादों के मामले में आत्मनिर्भर बनाना और आयातक से निर्यातक देश के रूप में स्थापित करना है। करन अदाणी ने बताया कि यह प्रॉपेलेंट उत्पादन इकाई “आत्मनिर्भर भारत” मिशन के तहत स्थापित की जा रही है और इसे रक्षा क्षेत्र में नवाचार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके लिए जिस माहौल, कच्ची सामग्री की जरुरत होती है यह शिवपुरी में प्रचुर मात्रा में हैं।
सीएम ने कहां आठ हजार करोड़ निवेश के प्रस्ताव आए
ग्वालियर आरआईसी में 8 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे 35 हजार से अधिक रोजगार के नवीन अवसर प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर 1586 करोड़ रूपए की लागत से प्रदेश में 47 नई औद्योगिक इकाइयों का सिंगल क्लिक से भूमिपूजन और लोकार्पण किया। यह कॉन्क्लेव विरासत, इतिहास और उद्योग की थीम पर केन्द्रित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रीजनल कॉन्क्लेव मात्र कहने के लिये रीजनल हैं, हकीकत में यह कॉन्क्लेव राज्य स्तरीय है। इन औद्योगिक इकाइयों के प्रांरभ होने से स्पंदन पूरे प्रदेश में होना है। मंच पर 5 औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन पत्र भी प्रदान किए गए। इसके साथ ही ग्वालियर-चंबल जिले के 8 जिला स्तरीय इंडस्ट्री फेसिलिटेशन सेंटर का शुभारंभ किया गया। ये केन्द्र ग्वालियर, मुरैना, भिंड, श्योपुर, शिवपुरी, दतिया, गुना और अशोकनगर में आज से ही प्रांरभ हो गए हैं। कॉन्क्लेव में मेक्सिको, जाम्बिया के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्वालियर में निजी क्षेत्र में बड़ा चिकित्सालय भी खोला जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव के आयोजन के पीछे यह भाव भी है कि उद्योगपति प्रदेश की विशेषताओं को आकर स्वयं देखें और मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापना का निर्णय लें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज ग्वालियर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे।
गुना, ग्वालियर, मुरैना व शिवपुरी में औद्योगिक पार्क की घोषणा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र में 4 नये औद्योगिक पार्क खोले जाने की घोषणा की। इसमें गुना के चेनपुरा में 333 हेक्टेयर, ग्वालियर के मोहना में 210 हेक्टेयर, मुरैना के मवई में 210 हेक्टेयर और शिवपुरी के गुरावल में 30.64 हेक्टेयर में औद्योगिक पार्क विकसित किये जायेंगे। साथ ही मुरैना जिले के औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर में पुलिस चौकी और औद्योगिक क्षेत्र बामोर में फायर स्टेशन की स्थापना की घोषणा की है।
कॉन्क्लेव में क्या बोले उद्योगपति
– अडानी समूह के करण अडानी ने कहा कि ग्वालियर में यह कॉन्क्लेव आर्थिक प्रगति को बढ़ाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में अनेक क्षेत्रों में नए उद्योग आ रहे हैं। अडानी ग्रुप प्रदेश में गुना और शिवपुरी में दो नई औद्योगिक इकाइयां प्रारंभ करेगा। शिवपुरी में 2500 करोड़ रूपए की लागत से रक्षा क्षेत्र, गुना में 500 करोड़ रूपए की लागत से सीमेंट ग्राइडिंग यूनिट और बदरवास में 500 करोड़ की लागज से जैकेट निर्माण इकाई शुरू की जाएगी। बदरवास इकाई से महिलाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा। यह निर्मित जैकेटविश्व के कोने-कोने तक जाएगी।
– रिलायंस समूह के वाइस प्रेसीडेंट विवेक तनेजा ने कहा कि मध्यप्रदेश में समूह द्वारा बायो गैस और एनर्जी जनरेशन क्षेत्र में निवेश का विचार है। साथ ही भिंड से ग्वालियर के बीच चंबल की “बीहड़’ में विकास की संभावनाएं जताई हैं। जिससे चंबल में एक अलग ही उत्साह नजर आ रहा है।
– ट्रोपोलाइट के एमडी पुनीत डॉवर ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश प्रस्ताव की जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल से बेंगलुरू से लेकर ग्वालियर तक हुई इन्वेस्टर्स समिट और इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को रोजगार वृद्धि में सहायक बताया। उद्योगपतियों की समस्याओं का त्वरित निराकरण हो रहा है। पुनीत डॉवर ने गत 50 वर्ष के उद्योग क्षेत्र के अपने अनुभवों की भी चर्चा की। डॉवर ने 100 करोड़ के निवेश मंतव्य की जानकारी दी जिससे करीब 500 महिलाओं को रोजगार मिलेगा।
कॉन्क्लेव के मुख्य आकर्षण
– सात देशों के 15 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों ने सहभागिता की, जिसमें कनाडा, नीदरलैंड, टोगो, जाम्बिया और मैक्सिको के प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए।
– 15 से अधिक राज्यों के निवेशकों ने सहभागिता की। इसमें अधिकांश पर्यटन, आईटी, फुटवेयर, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के उद्योगपति थे, जिन्होंने निवेश के लिये रूचि दिखाई।
– 400 से अधिक बायर-सेलर मीट हुईं। निवेश की संभावनाएं तलाशीं।
– 5 से अधिक औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।
– उद्योगपतियों ने अपने अनुभव साझा किए।
– 20 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों और उद्योग संगठनों के साथ वन-टू-वन चर्चा हुई।
– 6 सेक्टोरल सत्र और तीन राउण्ड टेबल बैठकें हुई।
– ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी 8 जिलों में इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन सेंटर का शुभारंभ किया।
– रिलायंस समूह ने रिन्युएबल एनर्जी गैस एवं बायो गैस प्रोजेक्ट के लिये निवेश प्रस्ताव दिया। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में 2000 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
– ट्रोपोलाईट फूड ग्रुप द्वारा फूड प्रोसेसिंग के लिये 100 करोड़ के निवेश से अपना व्यवसाय मध्यप्रदेश में और बढ़ाने का प्रस्ताव दिया, जिससे महिलाओं के लिये 500 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
– मुख्यमंत्री ने ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में 4 नये औद्योगिक पार्क की घोषणा की।
– मुरैना जिले के सीतापुर में पुलिस चौकी एवं मुरैना के बामोर में फायर स्टेशन की घोषणा। इन उद्योगपतियों ने भी दिखाई निवेश की संभावना